रविकिशन की ये भूमिका बनाई पुरस्कार की हकदार
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज अहीर ने की। इस सम्मान के लिए चयन रवि किशन की प्रभावशाली संसदीय भागीदारी, प्रश्न पूछने, बहसों में सक्रिय भूमिका और निजी विधेयकों के प्रस्तुतीकरण जैसे ठोस आँकड़ों के आधार पर किया गया।
प्रदर्शन की मुख्य विशेषताएं (2024-25 सत्र)
🔹 123 प्रश्न पूछे
🔹 14 प्रमुख बहसों में भागीदारी
🔹 3 निजी विधेयक (Private Member Bills) प्रस्तुत
🔹 लोकसभा में उच्च उपस्थिति दर सम्मान प्राप्त करने के बाद सांसद रवि किशन ने भावुक स्वर में कहा:
“यह केवल मेरा सम्मान नहीं है, यह गोरखपुर की उस पवित्र मिट्टी की महक है जो अब दिल्ली की फिज़ाओं में भी महसूस की जा रही है। यह पूर्वांचल की जनता की निष्ठा, विश्वास और समर्थन की जीत है।”*
उन्होंने आगे कहा:
“मैं इस उपलब्धि के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री श्री अमित शाह जी और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार व्यक्त करता हूँ, जिनके नेतृत्व और मार्गदर्शन ने हमें राष्ट्र और क्षेत्र की सेवा में समर्पित रहने की प्रेरणा दी। “साथ ही Prime Point Foundation और इसके संस्थापक श्री श्रीनिवासन जी का हृदय से धन्यवाद, जिन्होंने इस गरिमामयी सम्मान की परंपरा को शुरू किया।”
गोरखपुर से दिल्ली तक गूंजती आवाज़
रवि किशन लगातार शिक्षा, युवा रोजगार, पूर्वांचल विकास, फिल्म उद्योग, सीमा सुरक्षा और डिजिटल भारत जैसे मुद्दों को संसद में पुरज़ोर ढंग से उठाते रहे हैं। उनकी उपस्थिति और योगदान संसद रिकॉर्ड में उल्लेखनीय रहा है, जो इस पुरस्कार की बुनियाद भी बना।
संसद रत्न पुरस्कार: लोकतंत्र के कर्मवीरों का सम्मान
संसद रत्न पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 2010 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सुझाव पर की गई थी। इसका उद्देश्य उन सांसदों को सम्मानित करना है जो सक्रिय, उत्तरदायी और प्रभावी जनप्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से डेटा पर आधारित होती है, जिसमें लोकसभा/राज्यसभा सचिवालय और PRS Legislative Research के आँकड़े शामिल होते हैं। इस वर्ष कुल 17 सांसदों और 2 संसदीय समितियों को यह सम्मान प्रदान किया गया।
समर्थकों में खुशी की लहर
गोरखपुर में जैसे ही यह खबर पहुंची, सांसद रवि किशन के तारामंडल स्थित आवास पर समर्थकों ने जमकर मिठाइयाँ बाँटीं और एक-दूसरे को बधाइयाँ दीं। जयघोष और ढोल-नगाड़ों के बीच पूरे इलाके में उत्सव जैसा माहौल रहा।