द्वारिका के ऐश्वर्या से पुनः वृंदावन की मधुरता
श्री श्री जगन्नाथ बलदेव एवं सुभद्रा महारानी का यह विशेष रूप भगवान श्री कृष्ण के ब्रज विरह भाव को प्रस्तुत करता है। रथ यात्रा इस बात का प्रतीक है कि बृजवासी भगवान श्री कृष्ण को द्वारिका के ऐश्वर्या से पुनः वृंदावन की मधुरता की ओर ले जाना चाहते हैं। इस परम आनंदमय आध्यात्मिक भाव को ही रथ यात्रा के माध्यम से अनुभव किया जाता है।
40 लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन
कलयुग के बद्ध आत्माओं पर करुणा वर्षा करने हेतु ही अखिल ब्रह्मांड नायक श्री जगन्नाथ अपने गर्भ ग्रह को छोड़कर रथ पर आरूढ़ होते हुए जन समूह के बीच में जाकर सभी को अपनी सेवा का अवसर प्रदान करते हैं। वहीं पुरी में अदानी समूह और इस्कॉन द्वारा मिलकर लगभग 40 लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन और सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा किया जाएगा भगवान का स्वागत
रथ यात्रा में भाग लेने वाले हजारों श्रद्धालुओं को हरे कृष्ण महामंत्र के कीर्तन, भगवान श्री जगन्नाथ के प्रिय गीतों से ऐसा प्रतीत होगा मानो साक्षात श्री पुरी धाम की जगन्नाथ यात्रा में ही उपस्थित हों। भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के प्रारंभ मंडप पर अत्यंत सुंदर, आकर्षक एवं विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा श्री भगवान का स्वागत किया गया जाएगा।