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गोंडा

डीएम का कड़ा एक्शन, फर्जी रिपोर्ट लिखाने वाले ग्राम विकास अधिकारी को किया निलंबित जांच में खुली पोल

डीएम नेहा शर्मा ने अधिकारियों को गुमराह कर फर्जी रिपोर्ट लिखाने वाले ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है। ग्राम विकास अधिकारी ने एक मामले में ग्रामीण के खिलाफ खड़ंजा उखाड़ने का झूठा आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था।

गोंडाJul 03, 2025 / 03:29 pm

Mahendra Tiwari

डीएम

डीएम नेहा शर्मा फोटो सोर्स सूचना विभाग

डीएम नेहा शर्मा ताबड़तोड़ एक्शन से एक बार फिर हड़कंप मच गया है। ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान की मिली भगत से डीएम की चौपाल में खड़ंजा उखाड़ने का मामला उठने के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी ने एक ग्रामीण के खिलाफ फर्जी मुकदमा लिख दिया। लेकिन बाद में पीड़ित ने डीएम से मिलकर अपनी पूरी व्यथा बताई। डीएम के निर्देश पर हुई जांच में साजिश की सारी पोल खुल गई। इसके बाद अधिकारियों को गुमराह करने के मामले में ग्राम विकास अधिकारी को डीएम ने निलंबित कर दिया।

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गोंडा जिले के ग्राम पंचायत पहाड़ापुर में सार्वजनिक खड़ंजा उखाड़े जाने को लेकर उत्पन्न विवाद में डीएम ने त्वरित एवं कठोर रुख अपनाते हुए संबंधित ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल गांव के रहने वाले शारदा प्रसाद शुक्ल ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाते हुए कहा गया था। कि उनके ऊपर झूठे आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रारंभिक जांच में शिकायत की पुष्टि न होने पर डीएम के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उन्हें विकास खंड झंझरी से संबद्ध किया गया है।

यह है पूरा मामला

14 जून 2025 को डीएम की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत पहाड़ापुर में आयोजित चौपाल के दौरान यह शिकायत प्राप्त हुई थी। कि कुछ व्यक्तियों द्वारा सार्वजनिक खड़ंजे को मनमाने ढंग से उखाड़ा गया है। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, ग्राम विकास अधिकारी द्वारा थाना कटराबाजार में प्राथमिकी पंजीकृत कराई गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, इस प्राथमिकी के पश्चात आरोपियों में से एक ने ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव की साजिश के तहत शिकायतकर्ता को भी झूठे आरोपों में फंसाने का प्रयास किया।

प्रभारी निरीक्षक की जांच में खुली पोल, आरोप पाये गए असत्य

प्रभारी निरीक्षक, थाना कटराबाजार द्वारा प्रस्तुत आख्या में स्पष्ट किया गया कि ग्राम विकास अधिकारी द्वारा कराए गए इंटरलॉकिंग कार्य को शारदा प्रसाद शुक्ल द्वारा क्षति पहुँचाने के आरोप तथ्यात्मक रूप से असत्य पाए गए।
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वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई भ्रामक सूचना

जिला विकास अधिकारी सुशील श्रीवास्तव ने बताया कि विभागीय जांच में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि ग्राम विकास अधिकारी द्वारा इस प्रकरण के संबंध में उच्च अधिकारियों को भ्रामक सूचना प्रदान कर गुमराह करने का प्रयास किया। डीएम ने उक्त प्रकरण को “सर्वथा खेदजनक एवं अस्वीकार्य” करार देते हुए दोषी कार्मिक के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

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