गोंडा जिले के वजीरगंज यूनिट अब पूर्णतः संचालित है। जहाँ वजीरगंज, नवाबगंज और तरबगंज विकासखण्डों से इकट्ठा किए गए प्लास्टिक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण किया जा रहा है। इस यूनिट के माध्यम से जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित हो रहा है। वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। इस सफलता को देखते हुए जिला प्रशासन ने शेष चार PWMU यूनिट्स के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) कार्यालय को भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी है। स्वच्छता समिति की हाल ही में आयोजित बैठक में डीएम नेहा शर्मा द्वारा विस्तार प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। उन्होंने इस दिशा में तत्परता दिखाते हुए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक चयनित विकासखण्ड समूह में निर्धारित समय सीमा के भीतर यूनिट स्थापना की प्रक्रिया पूरी की जाए।
डीएम बोली- हमारा उद्देश्य गोंडा जिला प्लास्टिक मुक्त के रूप में स्थापित हो
डीएम ने बताया, ग्राम स्तर पर प्लास्टिक कचरे का नियमित और वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण हमारी प्राथमिकता है। वजीरगंज यूनिट ने यह दिखाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी यदि सही संसाधन और योजना के साथ कार्य किया जाए। तो उल्लेखनीय परिणाम सामने आ सकते हैं। हमारा उद्देश्य है कि गोंडा जल्द ही ‘प्लास्टिक मुक्त जिले के रूप में स्थापित हो।
यहां बनेंगी यूनिट्स
परसपुर विकासखण्ड को बेलसर, कर्नलगंज समूह के लिए यूनिट निर्माण हेतु चयनित किया गया है। कटरा बाजार यूनिट प्रस्ताव तैयार कर मिशन कार्यालय को भेजा जा रहा है। जो हलधरमऊ और रुपईडीह ब्लॉक को कवर करेगा। वहीं इटियाथोक, पंडरीकृपाल, झंझरी और मुजेहना समूह के लिए पंडरीकृपाल और मनकापुर, छपिया, बभनजोत समूह के लिए छपिया का चयन किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट्स परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक यूनिट में प्लास्टिक कचरे की छंटाई, संकलन, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण की प्रक्रिया को आधुनिक मशीनों और प्रशिक्षित मानव संसाधनों की सहायता से संपन्न किया जाएगा। यह पहल न केवल स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को साकार कर रही है। बल्कि जिले में स्थायी पर्यावरणीय विकास की ओर एक बड़ा और महत्त्वपूर्ण कदम है।