गौरतलब है कि विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से करीब 40 किमी दूर नेशनल हाईवे पर बसे इंदागांव गांव की जनसंख्या करीब 3000 है। 700 मकान होंगे। यहां वार्ड 6, कोयला भट्टी पारा में 50 घरों के लिए सिर्फ एक हैंडपंप है। इसी हैंडपंप से पिछले सप्ताहभर से सफेद चूना मिश्रित पानी निकल रहा है। इससे ग्रामीणों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है।
भुंजिया पारा वार्ड 3 में तो हैंडपंप ही नहीं है। वहीं, दंतापारा के लोग कुएं जैसे झरिया का पानी पीने को मजबूर हैं। कई वार्डों में बोरिंग की सुविधा भी नहीं है। नल-जल योजना भी यहां बेमानी साबित हो रही है। कहीं पाइपलाइन बिछी नहीं है, तो कहीं केवल पानी टंकी बनाकर काम अधूरा छोड़ दिया गया है।
ग्रामीणों ने की ये मांग
ऐसे में गर्मी में ग्रामीणों को शुद्ध पानी मिल पाना मुश्किल नजर आ रहा है। हाल ही में
सुसाइड के एक मामले की जांच के दौरान गांव पहुंचे अफसरों के साथ आए तात्कालिक जिला पंचायत सीईओ ने वार्ड 3 और 7 में एक सप्ताह के भीतर बोर कराने का वादा किया था। इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। ग्रामीणों ने इस गंभीर पेयजल संकट के चलते कलेक्टर, सीईओ समेत संबंधित विभाग से जल्द से जल्द हैंडपंप या बोर कराने की मांग की है।