पेपर पर निर्भर करता है कटऑफ
MBBS कोर्स में दाखिले के लिए हर साल नीट यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है। इस बार करीब 23 लाख छात्र ने डॉक्टर बनने का सपना लिए इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था। परीक्षा खत्म हो चुकी है अब देखना ये है कि इस बार का
कटऑफ कितना हाई जाता है। कटऑफ पेपर पर भी निर्भर करता है।
फिजिक्स का सेक्शन था टफ
नीट यूजी परीक्षा की तैयारी कराने वाले कई निजी संस्थानों की मानें तो इस बार का पेपर वाकईं छात्रों को परेशान करने वाला था। कुछ सवाल तो इतने कठिन थे कि शिक्षकों के लिए इसे हल करना कठिन था। ऐसे में पहला अटेंप्ट देने वाले छात्रों के लिए तो पेपर काफी टफ रहा होगा। कुछ का कहना है कि फिजिक्स का पेपर काफी टफ था। पेपर की कठिनाई और परीक्षा की अवधि तुलनात्मक रूप से काफी कम थी।
“छात्रों से बातचीत में पता चला कि इस बार का नीट पेपर टफ था। हालांकि, उन्होंने विशेषकर किसी विषय के बारे में तो नहीं बताया। लेकिन ओवरऑल पेपर टफ था। इस संदर्भ में एनालिसिस अभी भी जारी है, जिसके बाद ही हम विशेष जानकारी दे पाएंगे।” आकाश इंस्टीट्यूट (जयपुर)
720 अंकों का होता है पेपर
नीट का पेपर 720 अंकों का होता है। इस बार कुल 180 प्रश्न पूछे गए। सभी सही उत्तर के लिए छात्रों को 4 अंक दिए जाएंगे। वहीं प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 अंक काट लिए जाएंगे। यदि कोई प्रश्न गलत रहा तो NTA इसकी पुष्टि करता है तो उसके बदले छात्रों को 4 अंक दिए जाएंगे। 23 लाख छात्रों ने किया था आवेदन
इस बार नीट यूजी परीक्षा 4 मई को देशभर के 550 से अधिक शहरों में 5,000 से अधिक केंद्रों पर आयोजित की गई। इस साल लगभग 23 लाख छात्रों ने इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था और करीब 20 लाख छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित हुए।