-45 लाख भार्गव वाटिका तो 14 लाख 77 हजार कमल होटल पर कर धौलपुर.शहरी विकास कर के खेल में नगर परिषद का एक्शन छोटे बकाएदारों तक ही सीमित रह रहा है। शहर की बड़ी-बड़ी मछलियां अभी भी परिषद की पकड़ से दूर हैं। नोटिस के बावजूद भी इन धन्नासेठों ने कर जमा नहीं कराया है। मगर नगर परिषद अभी तक इन बड़े कर दाताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं कर सकी है। बात सिर्फ नोटिस और कार्रवाई की बात कहने तक ही सीमित है।
शहरी विकास कर के नाम पर लंबे अर्से से कुंभकर्णी नींद में सोई नगर परिषद इस साल से कर को लेकर सजीदा दिखी। जिसके बाद टैक्स के दायरे में आने वाले कर दाताओं को नोटिस के जरिए कर जमा करने को कहा गया साथ ही एक दो जगह कार्रवाई भी देखने को मिली। जिसके बाद शहर के 34 धन्नासेठों ने अभी तक परिषद में 46 लाख 99 हजार498 रुपए जमा करा दिए हैं, जबकि अभी तक लगभग 150 से ज्यादा छोटे और बड़े कर दाता शेष हैं जो अभी तक टैक्स जमा नहीं करा सके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा वह बड़ी मछलियां हैं जिन्होंने सालों से टैक्स के नाम पर एक रुपए भी परिषद में जमा नहीं कराया है। जबकि इन बड़े बकाएदारों को परिषद नोटिस पर नोटिस दे चुकी है।
इन सबसे सबसे बड़ी मोटी मछली गुलाब बाग क्षेत्र में संचालित भार्गव वाटिका है। जिस पर शहरी विकास कर 45 लाख रुपए निकल रहा है। बताया जाता है कि भार्गव वाटिका संचालक ने अभी तक एक रुपए भी कर के नाम पर परिषद में जमा नहीं कराया है। इसके अलावा कमल होटल जिस पर 14 लाख 77 हजार का शहरी विकास कर यानी यूडी टैक्स निकल रहा है। नगर परिषद अधिकारियों का कहना है कि शहर में संचालित मैरिज गार्डन यूडी टैक्स भरने के साथ यातायात विकाग एनओसी, वाहन सुरक्षा प्रमाण पत्र, पार्किंग व्यवस्था, फायर एनओसी होना जरूरी है। इन्हीं की पालना कराने को लेकर मैरिज गार्डनों पर भी कार्रवाई की जा रही है।
मोटी मछलियां अभी भी पकड़ से दूर नगर परिषद अभी तक छोटे कर दाताओं से टैक्स वसूलने में सफल तो हो रहा है, लेकिन बड़े आसामी अभी उसकी पकड़ से दूर हैं। परिषद ने नोटिस के जरिए नोटिस देकर टैक्स जमा न करने पर कार्रवाई की हिदायत भी दी गई, लेकिन अभी तक बड़े कर दाताओं में टैक्स जमा करने का कोई इन्ट्रेस्ट नहीं दिखता। तो परिषद भी बड़े कर दाताओं पर उदासीनता भरा रवैया अपनाती दिख रही है, जबकि परिषद छोटे कर दाताओं पर आंखें तरेर कार्रवाई का भय दिखाकर टैक्स जमा करवाया। बताया जाता है कि गत छोटे कर दाताओं और मैरिज गार्ड संचालकों ने कर जमा नहीं करने पर परिषद ने उनके प्रतिष्ठानों को सीज करने तक की नौबत आ गई थी। गत दिनों गौरव होटल को परिषद ने सीज कर दिया था, जबकि उस पर1944रुपए का टैक्स निकल रहा था। लेकिन इन बड़े बकाएदारों पर परिषद की कार्रवाई कब होगी यह तो परिषद ही जाने।