यात्रा के दौरान भगवान श्रीजगन्नाथ का मचकुंड सरोवर में जलविहार भी कराया गया। इस दौरान परिसर भक्तिमय हो गया और श्रद्धालु में खासा उत्साह दिखा। मंदिर के महंत श्यामसुंदर दास महाराज ने बताया। कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा पूरे विधि.विधान और भक्ति भाव के साथ निकाली गई। यह आयोजन समाज में एकता, श्रद्धा और सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण का संदेश देता है। महंत कृष्ण दास ने बताया कि भगवान श्रीजगन्नाथ की रथयात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमारी सनातन संस्कृति, परंपरा और समाज को जोडऩे वाला एक विराट उत्सव भी है। मचकुण्ड तीर्थराज धाम की इस ऐतिहासिक यात्रा में जो श्रद्धाए भक्ति और अनुशासन हम हर वर्ष देखते हैं, वह वास्तव में अतुलनीय है।
मचकुंड सरोवर में श्रीविग्रहों का जलविहार एक अत्यंत पावन परंपरा है। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन नहींए बल्कि प्रकृति और परमात्मा के बीच के संबंध को अनुभव करना भी है। जल ही जीवन है और जब भगवान स्वयं उसमें विहार करते हैंए तो समस्त सृष्टि में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यात्रा के पश्चात मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन हुआ। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की।