जिले के लगभग 50 डीलर राशन दुकानों का अटैचमेंट नहीं बदले जाने के कारण दोगुना लाभ रहे हैं। इन दुकानों में कई दुकानें ऐसी हैं जिनको एक साल का समय हो चुका है। राशन डीलर किसी प्रकार की गड़बड़ी करने पर सस्पेंड कर दिया जाता है या किसी कारणवश डीलर छुट्टी पर जाने पर उसकी राशन दुकान दूसरे डीलर को संचालन के लिए अटैचमेंट के रूप में केवल छह महीने के लिए दी जाती है। छह महीने के अंदर निर्णय होता है तो ठीक है नहीं तो छह माह बाद दूसरे राशन डीलर को अटैचमेंट दिया जाता है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि जिले में करीब 50 ऐसी राशन की दुकानें हैं जिनका अस्थायी अटैचमेंट नहीं बदला गया है। विभागीय अधिकारियों ने भी सरकारी नियमों को ताक पर रखते हुए अटैचमेंट बदलने की सुध ही नहीं ले रहे। कुछ डीलरों ने राजनीतिक दबाव के चलते भी अटैचमेंट को अपने हाथों से जाने नहीं दिया।
अटैचमेंट करने का नियम सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी राशन दुकान को छह माह के लिए दूसरे डीलर को अटैचमेंट में दी जा सकती है। छह माह होने पर उसे दूसरे राशन डीलर को देनी होती है। किसी की मृत्यु होने पर अटैचमेंट जरूरी है, लेकिन निलंबित करने के बाद 6 माह के अंदर उस राशन डीलर का निलंबर रद्द करने या नए राशन डीलर के लिए व्यवस्था करने के लिए विभाग को भेजना जरूरी है।
विभाग ने नियम में किया था संशोधन धौलपुर जिले में लगभग 50 के आसपास ऐसे राशन दुकानें हैं जिनका अटैचमेंट नहीं किया गया। जिनके डीलरों को किसी न किसी कारण से हटाया गया था। जिसके बाद इन दुकानों को दूसरे दुकानदारों को अटैच कर दिया गया था। इनको निलंबित, निरस्त, रिक्त, मृत और इस्तीफ देने के कारण राशन की दुकानों को अटैच कर रखा है। पिछले साल जून 2024 में रसद विभाग ने अटैच प्रावधान को संशोधित करते हुए आदेश पारित किया था कि उचित मूल्य दुकान के अटैचमेंट के प्रस्ताव पर जिला कलक्टर के अनुमोदन के बाद जिला रसद अधिकारी दुकानों के अटैचमेंट का कार्य कर सकेंगे।
राशन दुकानों का अटैचमेंट करने का कार्य चल रहा है। चार से पांच दिन में दुकानों का अटैचमेंट कर दिया जाएगा। -कल्याण सहाय, डीएसओ धौलपुर