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धौलपुर

सुधरेगी जलनिकासी…या फिर पानी के फंवर में फंसेंगे शहरवासी

जलनिकासी को लेकर शहर सरकार के उठाए कदम नाकाफी दिखाई दे रहे हैं। शहर की १० से १२ कालोनियों में चेम्बरों की सफाई नहीं हो पाई है, तो दो दर्जन नाले अभी भी गंदगी से अटे पड़े हैं। जलनिकासी को लेकर जो तीन कच्चे नालों का निर्माण किया गया है, वह भी नाम के ही लगते हैं।

धौलपुरJun 16, 2025 / 06:56 pm

Naresh

सुधरेगी जलनिकासी...या फिर पानी के फंवर में फंसेंगे शहरवासी Drainage will improve...or else the city dwellers will be trapped in a water storm
-नाकाफी दिखाई देते जलनिकासी को सुदृढ़ करने नगर परिषद के प्रयास

-एक दर्जन कालोनियों में चेम्बर तो दो दर्जन नाले गंदगी से अटे पड़े

-जहां नालों की हो रही सफाई वहां ठेकेदार कर रहा खानापूर्ति
धौलपुर. जलनिकासी को लेकर शहर सरकार के उठाए कदम नाकाफी दिखाई दे रहे हैं। शहर की १० से १२ कालोनियों में चेम्बरों की सफाई नहीं हो पाई है, तो दो दर्जन नाले अभी भी गंदगी से अटे पड़े हैं। जलनिकासी को लेकर जो तीन कच्चे नालों का निर्माण किया गया है, वह भी नाम के ही लगते हैं। जिनसे शायद ही जलनिकासी सुदृढ़ हो, लेकिन नगर परिषद इस बार जलभराव न होने का दावा कर रहा है।
जलनिकासी समस्या को दूर करने शहर सरकार पिछले तीन माह से लगी हुई है। जिसके लिए उसने नालों पर हो रहे अतिक्रमण सहित लोगों के आशियाने तक तोड़ डाले, लेकिन उसके यह कदम नाकाफी दिखाई दे रहे हैं। दरअसल प्रशासन ने जलनिकासी को लेकर जो कार्य किए हैं वह आनन-फानन और बगैर कार्यप्रणाली तैयार किए लगते हैं। नतीजतन कहीं नालों से अतिक्रमण हटाए तो कहीं नालों से अतिक्रमण हटाए ही नहीं…कहीं नालों की सफाई की तो कहीं नालों में गंदगी यूं ही छोड़ दी। जलनिकासी को लेकर बनाए तीन कच्चे नाले भी बस मात्र नाम के हैं। आलम यह है कि चार जोनों में बटी शहर की जलनिकासी की समस्या दूर होती नहीं दिख रही। पत्रिका के इन प्वाइंटों से समझिए जलनिकासी को लेकर नगर परिषद के उठाए कदम।
प्वाइंट वन

पिछले वर्ष हुण्डावाल और नर्सरी क्षेत्र में भारी जलभराव देखने को मिला था। जिसका एक कारण निभी के ताल का ओवर फ्लो पानी था। इस समस्या को दूर करने परिषद ने कच्चे नाले का निर्माण कराया है। लेकिन इस नाले की खुदाई ठीक से नहीं की गई,नाला कहीं ऊचा तो कहीं नीचा है, सबसे बड़ी बात यह कि यह नाला रूंध को जाने वाले अंडर पास पर आकर खत्म हो गया…यानी अब पानी नाले से आएगा भी तो अपेक्स कालोनी में इसका भराव होगा।
प्वाइंट टू

हुण्डावाल क्षेत्र में जलभराव का एक और कारण नहर के माध्यम से पुलिस लाइन के ऊपरी क्षेत्र का आने वाला पानी भी है। परिषद ने हुण्डावाल क्षेत्र की पुरानी नहर से कच्चे नाले का निर्माण सहमति नगर होते हुए गौशाला नैरोगेज पुलिया तक कराया है, लेकिन इस नाले की भी खुदाई और बनावट कोई काम की नहीं। नाला आड़ा टेड़ा खोदा गया है। रतन गार्डन स्थित पुलिया मिट्टी से भरी हुई है, जहां से पानी पास नहीं हो सकता। तो जहां-जहां रास्ता है वहां-वहां नाला खोदा ही नहीं गया है। एसी स्थिति में जलभराव होना लाजिमी है।
प्वाइंट तीन

मानसून के दौरान छीतरिया ताल से होने वाले ओवरफ्लो पानी को शहर में आने से रोकने के लिए नगर परिषद ने सौ फुटा और मचकुण्ड रोड होते हुए कच्चे नाले का निर्माण कराया है, लेकिन यह नाला भी समतल न होते हुए उतार चढ़ाव वाला बना है। तो वहीं भोगीनगर की पुलिया सहित मचकुण्ड की पुलिया के पास ऊंचाई ज्यादा होने के कारण शायद ही नाले में पानी का फ्लो ठीक से हो। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मानसून के दौरान फिर बारिश का पानी शहर में भरेगा।
प्वाइंट चार

शहर की जलनिकासी चार जोनों बंटी हुई है। जिनमें शहर, गुलाब बाग, कोठी और जिरोली क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से तीन शहर, गुलाब बाग और जिरोली क्षेत्र के १८ नालों की सफाई का ठेका ५२ लाख में हुआ। लेकिन अभी तक इन तीनों क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन नाले ऐसे हैं जहां ठेकेदार ने सफाई कार्य प्रारंभ तक नहीं किया है। और जहां सफाई की भी जा रही है, तो आधी अधूरी…यानी जहां नाले में थोड़ी दूर तक सफाई की, शेष गंदगी को यूं ही छोड़ दिया जा रहा है।
प्वाइंट पांच

शहर, गुलाब बाग और जिरोली क्षेत्र के 18नालों का तो ठेका हो गया, लेकिन कोठी क्षेत्र के 16 नालों का ठेका नहीं हो सका है। परिषद ने इसके लिए 40 लाख में दो बार टेंडर जारी किए, तीसरी बार इन नालों को आधा-आधा कर २०-२० लाख में टेण्डर जारी किए लेकिन तब भी किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। जबकि सबसे ज्यादा जलभराव की स्थिति इसी क्षेत्र में ही देखने को मिलती है। नगर परिषद अब अपने स्तर से इन नालों की सफाई करा रही है। समय कम होने के कारण शायद ही इन नालों की सफाई हो भी सके।
प्वाइंट छह

शहर में नालों के साथ सालों से चेम्बरों की भी सफाई नहीं हुई। जिसका मुख्य कारण चेम्बरों में डले छोटे पाइप और खराब संसाधन हैं। हालांकि नगर परिषद एक्सईएन गुमान सिंह सैनी की अगुआई में कुछ जगहों से चेम्बरों को साफ तो किया गया। जिसका ओवरफ्लो भी ठीक हो चुका है, लेकिन आनंद नगर, मानसरोवर कालोनी, दारा सिंह नगर, शारदा विहार, राजाखेड़ा बाइपास स्थित गोविंद वोटिका क्षेत्र सहित एक दर्जन के आसपास कालोनियों में चेम्बर चौक हो रहे हैं जिनसे पानी अभी निकलकर सडक़ों पर बह रहा है।
इन क्षेत्रों में नहीं हुए नाला साफ

गुलाब बाग, शहर और जिरोली क्षेत्रों के नाला सफाई का ठेका एक ही ठेकेदार के पास है। इन इलाकों में १८ नालों की सफाई होनी है। मानसून सिर पर है लेकिन अभी तक नर्सरी, बाड़ी रोड, सैंपऊ रोड, कायस्थ पाडा, राजाखेड़ा बाइपास, गोविंद वाटिका क्षेत्र, ओंडेला क्षेत्र सहित एक दर्जन नालों की सफाई अभी तक नहीं की गई है। वहीं शिवनगर, पटपरा, किडी मोहल्ला, बटऊपुरा, काली माता मंदिर सहित जिन क्षेत्रों में नाला सफाई की जा रही है वहां सिर्फ ठेकेदार खानापूर्ति करने में लगा हुआ है।
चौक नालों का खोलने का काम किया जा रहा है। जहां-जहां अभी नाले साफ नहीं किए गए हैं वहां भी जल्द नालों की सफाई की जाएगी।

-गुमार सिंह सैनी, एक्सईएन नगर परिषद

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