scriptराजस्थान में यहां 20-20 करोड़ की लागत से बने 2 एनिकट, ERCP से आएगा 3 नदियों का पानी; बुझेगी लाखों लोगों की प्यास | 2 anicuts constructed on Morel river in Dausa, Rajasthan at a cost of 20 crores each | Patrika News
दौसा

राजस्थान में यहां 20-20 करोड़ की लागत से बने 2 एनिकट, ERCP से आएगा 3 नदियों का पानी; बुझेगी लाखों लोगों की प्यास

जल संसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान में पानी की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ईआरसीपी योजना को धरातल पर उतारने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है।

दौसाJun 12, 2025 / 02:05 pm

Anil Prajapat

Morel-river

मोरेल नदी पर बना एनिकट। फोटो: पत्रिका

दौसा। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत ने कहा कि प्रदेश की तस्वीर और दशा-दिशा बदलने वाली पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के माध्यम से चम्बल, काली सिंध और पार्वती नदी का पानी लालसोट की धरती पर आएगा। इससे लाखों लोगों एवं खेतों की प्यास बुझाएगा। मंत्री रावत ने यह बात बुधवार को समेल गांव में आयोजित 20-20 करोड़ की लागत से मोरेल नदी पर बने समेल व बाड़ा बाढ एनिकटों के लोकार्पण समारोह में कही।
मंत्री ने कहा कि पूर्वी राजस्थान में पानी की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ईआरसीपी योजना को धरातल पर उतारने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है। इससे पूर्वी राजस्थान के 17 जिलों को जोड़ा गया है, इस योजना का टेंडर होकर काम चालू हो गया है।
Minister Suresh Singh Rawat
समेल गांव में एनीकट का लोकार्पण करते प्रदेश के जल संसाधन मंत्री। फोटो: पत्रिका
लालसोट क्षेत्र का मोरेल बांध भी इस योजना से जुड़ा है, इसके अलावा क्षेत्र के अन्य बांधों को भी जोड़ने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के पूर्ण होने पर चम्बल, काली सिंध और पार्वती नदी का पानी लालसोट की धरती पर आएगा। व्यर्थ बहने वाले बरसात के पानी से यहां की जनता की प्यास बुझेगी, खेतों में सिंचाई हो सकेगी और उद्योग-धंधे फलीभूत होंगे।

हजारों ग्रामीणों को होगा लाभ

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता मांगीलाल मीना ने बताया कि मोरेल नदी पर समेल होदायली में निर्मित एनिकट से सात गांवों एवं ढाणियों तथा ग्राम बाड़ा बाढ के पास एनिकट निर्माण से पांच गांवों एवं ढाणियों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि 19 करोड़ 82 लाख रुपए से निर्मित समेल एनिकट से समेल, होदायली, गुजरहेरा, मंडलिया, जगसरा, गुमानपुरा सहित सात गांव एवं आसपास की कई छोटी ढाणियां लाभान्वित होंगी। इसी प्रकार 19 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से बने बाड़ा एनिकट से बाड़ा, रायपुरा, टोण्ड, जस्टाना, बिलोना खुर्द गांवों के हजारों लोग लाभान्वित होंगे।
 
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भू-जल में होगी वृद्धि, कुएं-हैंडपम्प रिचार्ज होंगे

अधिशासी अभियंता ने बताया कि एनिकट में गेटेड प्रणाली का प्रावधान रखा गया है ताकि जून से सितम्बर माह तक मानसून के दौरान इन गेटों को वर्षा जल प्रवाह छोड़ने के लिए खुला रखा जाएगा। इनके निर्माण से मानसून के दौरान वर्षा के पानी को एकत्रित किया जा सकेगा, जिससे आसपास की ढाणियों एवं गांवों में भू-जल में वृद्धि होगी और कुएं, हैंडपम्प इत्यादि रिचार्ज होंगे। इससे क्षेत्र में पेयजल समस्या का निवारण होगा और पशु-पक्षी एवं अन्य जीव-जन्तु के पेयजल के लिए भी जल उपलब्ध हो सकेगा।

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