बताया गया है कि इससे पहले भी इसी कक्षा का प्लास्टर गिर चुका है, जिसकी मरम्मत का कार्य कराया गया था। स्कूल की सीलिंग में हुई छाप स्पष्ट नजर आ रही है, जबकि शेष सीलिंग भी जर्जर नजर आ रही है, जो कभी भी गिर सकती हैं। ऐसे में सीलिंग के प्लास्टर को पूरी तरह से गिराकर दोबारा करने की स्थिति देखने मिलती है।