खास बात यह है सभी प्रकरणों में शिक्षकों की फर्जी डीएड, बीएड, स्नातक की अंकसूचियां पाई गई हैं। जिनकी एफआइआर होते ही फर्जी अंकसूची बनाने वाले गिरोह तक भी पहुंचा जा सकता है। जिससे बड़ा भांडाफोड़ होने की संभावना है। ऐसे में इस बड़े मामले की फाइल को कार्यालयों के चक्कर कटवाकर टालने का काम फिलहाल किया जा रहा है। (fake degrees)
यहां भी अटक गई फाइल
16 मई को कलेक्टर के पत्र के बाद एसपी को उक्त सभी शिक्षकों के विरुद्ध विभिन्न थानों में एफआइआर दर्ज कराने निर्देश देना थे, लेकिन 24 जुलाई तक यह नहीं हो सका। मामले में बताया गया है कि पुलिस ने वापस कलेक्टर को पत्र लिखकर शिक्षा अधिकारियों से अलग-अलग थानों में एफआइआर दर्ज कराने लिखा था, लेकिन इसके बाद फिर मामला खटाई में चला गया। डीइओ के अनुसर उन्होंने समस्त बीइओ को अपने-अपने ब्लॉक के शिक्षकों की संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज कराने लिखा था, जो अभी तक नहीं कराई गई। इस तरह दो महीने से अधिक समय निकल चुका है।
50 शिक्षकों की हो चुकी हैं शिकायत
जिले में बीते दो साल में ऐसे 50 प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों की शिकायत हो चुकी हैं, जिनकी अंकसूची फर्जी होना बताई गई है। मई तक ऐसे 24 शिक्षकों का फर्जीवाड़ा सही पाया गया था। जबकि 12 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है और 14 की जांच अभी भी चल रही हैं। बीते डेढ़ साल के अंदर यह पूरी शिकायतें सामने आई हैं। इनमें अधिकांश केस 2007-2008 शिक्षक परीक्षा के बताए जाते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सही तरीके से मामले में जांच हो तो बड़े गिरोह का खुलासा संभव है।
शिक्षा विभाग की भूमिका संदिग्ध
फर्जी शिक्षकों की जांच के बाद अप्रैल माह से बर्खास्त की कार्रवाई शुरु हो गई थी। जिसमें अब तक 12 शिक्षक बर्खास्त भी हो चुके हैं, लेकिन इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसमें जिला और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की प्रकरणों में एफआइआर दर्ज कराने जिम्मेदारी बनती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया। पत्रिका की खबरों के बाद 16 मई को कलेक्टर ने एसपी को पत्र लिखते हुए 24 शिक्षकों के विरुद्ध एफआइआर करने लिखा था।
एएसपी का बयान
प्रकरण में पत्र प्राप्त होने के बाद शिक्षा विभाग को उनके स्तर पर अलग-अलग थानों में एफआइआर दर्ज कराने के लिए लिखा गया था। वहां से एफआइआर क्यों दर्ज नहीं कराई गई, जानकारी लेते हैं। – सुजीत सिंह भदौरिया, एएसपी दमोह
डीइओ दमोह का बयान
एसपी कार्यालय से पत्र के माध्यम से विभाग के माध्यम से थानों में एफआइआर दर्ज कराने लिखा गया था। सभी बीइओ के लिए फर्जी शिक्षकों के मामले में एफआइआर कराने निर्देशित किया गया था। अभी तक एफआइआर नहीं कराई तो नोटिस जारी करता हूं।- एसके नेमा, डीइओ दमोह