वाशिंगटन सुंदर ने खेली 101* रनों की जुझारू पारी
वाशिंगटन सुंदर ने ओल्ड ट्रैफर्ड में नाबाद 101 रनों की जुझारू पारी खेली। 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए सुंदर ने भारत को 5वें दिन बल्लेबाजी करने में मदद की और मैच ड्रॉ कराया और सीरीज को जिंदा रखा। यह उनका पहला टेस्ट शतक था, जिसमें उन्होंने इंग्लैंड की 300+ की बढ़त के जवाब में रवींद्र जडेजा के साथ शतकीय साझेदारी की। इस मैच के आखिरी दिन उस समय तनाव बढ़ गया, जब बेन स्टोक्स ने वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा को शतकों की ओर बढ़ता देख ड्रॉ की पेशकश करते हुए हाथ मिलाने की कोशिश की। सुंदर और जडेजा ने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों के बीच वाकयुद्ध भी हुआ।
‘यह हम सभी के लिए एक अच्छा अनुभव था’
वाशिंगटन सुंदर ने विजडन से बातचीत में कहा कि हमने ऐसी कई चीजें होते देखी हैं। यह सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि हर खेल में होता है। मेरा मतलब है, खेल ऐसा ही होता है। इससे बहुत कुछ सामने आता है। मुझे लगता है कि यह हम सभी के लिए एक अच्छा अनुभव था। आप किसी भी खिलाड़ी से ये पूछेंगे तो आपको यही जवाब मिलेगा। खासकर टेस्ट क्रिकेट में आप चुनौती चाहते हैं, क्योंकि आप हर दिन यही उम्मीद करते हैं।
‘हाथ मिलाने के नाटक ने मुझे उत्साहित कर दिया’
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बहस उनके लिए प्रेरणा का श्रोत बनी। इस पर उन्होंने कहा कि उस विवाद ने मुझे पूरी तरह से उत्साहित कर दिया। वहीं सुंदर ने ओवल टेस्ट जीतने पर कहा कि हर सत्र के बाद खेल जिस तरह से आगे बढ़ा, वह शानदार था। खासकर पांचवें दिन, वो 40 मिनट बेहद रोमांचक थे, क्योंकि जब आपको पता हो कि लक्ष्य एक अंक में आ गया है, तब कुछ भी हो सकता है। सचमुच एक गेंद पूरे खेल का रुख बदल सकती थी, विरोधी टीम से मैच छीन सकती थी और सिराज ऐसा करने में सफल रहे।