भारत ने इस मैच में इंग्लैंड के सामने 374 रन का विशाल लक्ष्य रखा है। इतना बड़ा लक्ष्य इस मैदान पर कभी चेज़ नहीं हुआ है। ऐसे में इंग्लिश टीम दवाब में थी। चौथे दिन इंग्लैंड की टीम ने 1 विकेट पर 50 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया। भारतीय गेंदबाजों ने सलामी बल्लेबाज बेन डकेट और कप्तान ओली पोप को जल्द आउट कर इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया। ऐसा लगा कि भारतीय टीम आसानी से इस मैच पर अपना शिकंजा कस लेगी, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। पोप और डकेट के बाद हैरी ब्रूक ने आक्रामक रवैया अपनाया और तेजी से रन बनाने लगे। इस दौरान वे गलती कर बैठे अपना विकेट लगभग गवां दिया, लेकिन सिराज से एक ब्लंडर हो गया और ब्रुक को जीवनदान मिल गया।
दरअसल 35 वें ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा की बाउंसर पर हैरी ब्रुक ने पुल शॉट खेला। गेंद सीधा डीप फाइन लेग पर सिराज के पास गई। बाउंड्री के करीब यह एक आसान कैच था, लेकिन सिराज यह अनुमान नहीं लगा पाये कि बाउंड्री कितनी पीछे है और कैच लेने के बाद सीमा रेखा के पार चले गए। जिससे इंग्लैंड को 6 रन मिले और हैरी ब्रूक को जीवनदान मिल गया।
ब्रूक ने अपनी दूसरी पारी में 98 गेंदों में 111 रन बनाए। अपनी इस शतकीय पारी में उन्होंने 14 चौके और 2 छक्के लगाए। यह जीवनदान इतना भारी पड़ा कि टीम न सिर्फ मैच गवाने के करीब है। बल्कि यहां से सीरीज भी हार सकती है और इसका असर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की टेबल पर भी पड़ेगा।
इंग्लैंड ने जब 106 रन के स्कोर पर अपना तीसरा विकेट खोया, तब ब्रूक क्रीज पर आए। उन्होंने ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 39 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। यह भारत के खिलाफ ब्रूक का दूसरा शतक रहा।