पहलगाम हमले पर शाहिद अफरीदी का विवादित बयान
दरअसल, पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में उन्होंने विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि मेरा क्रिकेट और खेल की कूटनीति में गहरा विश्वास है। इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए। हम पड़ोसी मुल्क हैं तो एक-दूसरे का ख्याल रखा जाए लेकिन, ये मामला अभी हुआ है और आपने सीधे पाकिस्तान का नाम ले लिया। कम से कम सबूतों के साथ आएं। वहीं, इससे पहले एक अन्य वायरल वीडियो में शाहिद अफरीदी कहा कि भारत में अगर एक पटाखा भी फटता है, तो पाकिस्तान को दोषी ठहरा दिया जाता है। कश्मीर में आपकी 8 लाख-शक्ति वाली सेना है, फिर भी इस तरह का हमला हुआ। इसका सीधा सा मतलब है कि आप आपने नागरिकों को सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि हैरानी की बात है यह है कि आतंकी हमले के एक घंटे के भीतर भारतीय मीडिया बॉलीवुड बन गया। खुदा के लिए, हर चीज को बॉलीवुड मत बनाओ। मुझे हैरानी हो रही थी कि वे किस तरह से बात कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि दो क्रिकेटर्स ने भारत के लिए बहुत क्रिकेट खेला है, लेकिन वे भी सीधे पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहे हैं।
शाहिद अफरीदी एक अन्य वायरल वीडियो पिछली बात को दोहराते हुए कहते हैं कि आतंकी एक घंटे तक दहशतगर्दी करते रहे। 8 लाख फौज में से कोई नहीं आया। उन्होंने तुरंत ही पाकिस्तान पर आरोप लगा दिया। ये खुद गलतियां करते हैं। खुद ही लोगों को मरवा देते हैं। शाहिद ने आगे कहा कि कोई मुल्क आतंकवाद को सपोर्ट नहीं करता। पाकिस्तान हमेशा अमन की बात करता है। हमारा दीन अमन का पैगाम देता है। भारत से हम हमेशा अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करते रहे हैं।
शाहिद अफरीदी के भाई को भारतीय सेना ने किया था ढेर
पूर्व पाकिस्तान क्रिकेटर शाहिद अफरीदी जम्मू-कश्मीर को लेकर अकसर अनर्गल प्रलाप करते रहे हैं, लेकिन क्या आपको बता है कि उनका चचेरा भाई शाकिब हरकत उल अंसार का आतंकी था। शाहिद अफरीदी के चचेरे भाई शाकिब को 7 सितम्बर 2003 को बीएसएफ ने कश्मीर के अनंतनाग में मार गिराया था। मुठभेड़ के बाद बीएसएफ ने शाकिब को हरकत-उल-अंसार का बटालियन कमांडर बताया था, जिसने बाद में लश्कर-ए-तैयबा का नाम ले लिया, जो वैश्विक तौर पर आतंकी घोषित हाफिज सईद के जमात-उद-दावा का एक और मुखौटा है। उस वक्त बीएसएफ ने शाकिब से बरामद दस्तावेजों के आधार पर उसका तालुक्क शाहिद अफरीदी के परिवार से बताया था। पेशावर के रहने वाले शाकिब ने भारतीय सेना की ओर से मारे जाने से पहले करीब डेढ़ साल अनंतनाग में आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था।