रोजाना निकल रहा 34 हजार लीटर गंदा पानी
अस्पताल में रोजाना 700 से ज्यादा मरीज भर्ती रहते हैं और उनके परिजनों, डॉक्टरों व स्टाफ को मिलाकर करीब 1300 लोग यहां मौजूद होते हैं। अनुमान है कि प्रतिदिन लगभग 34 हजार लीटर गंदा पानी यहां से निकलता है, जो अब तक सीधे तालाब में जा रहा था। यह स्थिति तालाब के जल की गुणवत्ता और पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर खतरा मानी जा रही है।
25 लाख की लागत से बना था प्लांट
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को पांच साल पहले 25 लाख रुपए की लागत से अस्पताल के नए भवन के साथ तैयार किया गया था। उद्देश्य था, वार्डों से निकलने वाले पानी को ट्रीटमेंट के बाद सुरक्षित रूप से तालाब तक पहुंचाना। लेकिन दो साल पहले यह पूरी तरह बंद हो गया। इस बीच, प्लांट तक पानी लाने और ले जाने के लिए बनी नाली भी क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिससे परिसर में दलदल, मच्छरों का प्रकोप और दुर्गंध जैसी समस्याएं बढ़ गईं।
मैटरनिटी विंग के पीछे बना रहे नया प्लांट
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि प्लांट की मरम्मत के लिए शासन से राशि की स्वीकृति मांगी गई है और आवंटन मिलते ही कार्य शुरू किया जाएगा। वहीं, नए मैटरनिटी विंग के पीछे एक आधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी जारी है, जिससे भविष्य में अस्पताल से निकलने वाले पानी को बेहतर तरीके से ट्रीट किया जा सकेगा।