बता दें कि, लगऊग एक माह की विदेश यात्रा से लौटे पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने गृह क्षेत्र में इटावा की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उसे निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि ये सब घटनाएं मेरे काम और लक्ष्य को और बढ़ा देती है। देश में कुछ लोग भारत को पाकिस्तान बनाने में लगे हैं, जात वाद को लेकर, क्षेत्र बाद को लेकर जब तक कास्टिज्म से ऊपर उठकर नेशनलिस्म नहीं होगा, तबतक देश का भला नहीं हो सकता।
यह भी पढ़ें- MPSOS Result 2025 : ओपन स्कूल, ‘रुक जाना नहीं’ और ‘आ लौट चलें’ योजना के तहत रिजल्ट जारी, देखें परिणाम मंदिरों के बाहर छोड़कर जातिवाद छोड़कर आएं
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, आपने अकसर मंदिरों के बाहर लिखा देखा होगा कि, चप्पल उतारकर आए, लेकिन अच्छा हो कि, अगर मंदिरों के बाहर लोग जातिवाद छोड़ कर आएं। हमारे ऊपर टिप्पणी करने वालों के पेट की रोटी पच रही भगवान करे उनकी रोटी पचती रहे। आपको बता दें कि 1 से 3 जुलाई तक मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम में पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लगेगा। इसके बाद 4 जुलाई को बागेश्वर धाम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
क्या है इटावा का मामला?
गौरतलब है कि, इटावा के अंतर्गत आने वाले थाना बकेवर क्षेत्र के गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव की जाति पूछी गई। जाति बताने के बाद ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की। लोगों ने उनकी चोटी और बाल काट दिए थे। जातिसूचक शब्द कहते हुए वीडियो भी बनाया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह भी पढ़ें- इंदौर एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, डायरेक्टर को मेल मिलते ही मचा हड़कंप पीड़ितों का आरोप
पीड़ितों ने आरोप लगाया कि, उन्हें फर्जी कथावाचक बताकर बंधक बनाया गया। संत कुमार के चोटी और बाल काटे गए और एक महिला से जबरन पैर छुआए गए। इसके साथ ही हारमोनियम भी तोड़ दिया गया और उन पर मानव मूत्र का छिड़काव किया गया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।