बागेश्वर बाबा ने इस घटना को राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि राजनेता जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। भिमंडी के इस मंच से हम घोषणा करते हैं कि जातियों की राजनीति करोगे तो देश बंटाधार हो जाएगा। हमें कास्टिज्म से ऊपर उठकर राष्ट्रिज्म के ऊपर खेल खेलना पड़ेगा।
आगे उन्होंने कहा कि महर्षि वेद व्यास, वाल्मीकि जी, मीरा, सूरदास, रविदास और कबीरदास जैसे महापुरुषों ने भगवान की चर्चा की, लेकिन किसी ने उनकी जाति नहीं पूछी। उनकी वाणी ही उनकी पहचान रही। भगवान का नाम ही उनकी पहचान है। कौवा कर्कश बोलता है, लेकिन रामचरितमानस में काग भुशुंडी महाराज की भी महिमा है। इसलिए जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार का, पड़ी रहने दो म्यान।
हिंदू राष्ट्र को लेकर निकालेंगे यात्रा
धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की ओर बढ़ना होगा। इस उद्देश्य को लेकर वे 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा करेंगे। यह यात्रा जातिवाद और ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाने का प्रयास होगा।