क्यों उठाया जा रहा है यह कदम?
2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा व्यापार लगभग बंद हो चुका है। हालांकि, वैश्विक व्यापार अनुसंधान संस्था (GTRI) के अनुसार, भारतीय सामान खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, रसायन, कपास, चाय, और ई-कॉमर्स उत्पाद हर साल 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के साथ यूएई, श्रीलंका और सिंगापुर जैसे तीसरे देशों के जरिए पाकिस्तान पहुंच रहे हैं। इन देशों के बंदरगाहों पर भारतीय वस्तुओं को बंधक गोदामों (बॉन्डेड वेयरहाउस) में रखा जाता है, जहां उनके लेबल बदलकर मूल देश (भारत) को छिपाया जाता है। उदाहरण के लिए, भारत से दुबई भेजे गए 100,000 डॉलर के ऑटो पार्ट्स को ‘मेड इन यूएई’ के रूप में री-लेबल कर 130,000 डॉलर में पाकिस्तान को बेचा जाता है।
निलंबित हुआ व्यापार
हाल ही में भारत ने अटारी-वाघा सीमा व्यापार केंद्र को बंद कर दिया, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने 24 अप्रैल 2025 को भारत के साथ सभी व्यापारिक संबंध प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निलंबित कर दिए और भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। अब भारत सरकार हवाई कार्गो गलियारे के संभावित बंद होने की स्थिति में लागत और लॉजिस्टिक्स प्रभावों का आकलन कर रही है, साथ ही ट्रांसशिपमेंट रास्तों को नियंत्रित करने की योजना बना रही है।
भारत-पाकिस्तान व्यापार का वर्तमान परिदृश्य
प्रत्यक्ष व्यापार: अप्रैल 2024-जनवरी 2025 में भारत का पाकिस्तान को निर्यात 447.65 मिलियन डॉलर और आयात मात्र 0.42 मिलियन डॉलर रहा। 2023-24 में निर्यात 1.18 अरब डॉलर और आयात 2.88 मिलियन डॉलर था। अप्रत्यक्ष व्यापार: जीटीआरआइ के अनुसार, 10 अरब डॉलर से अधिक का भारतीय सामान तीसरे देशों के जरिए पाकिस्तान पहुंचता है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स, और ई-कॉमर्स उत्पाद शामिल हैं। प्रमुख निर्यात: भारत से पाकिस्तान को जैविक रसायन (129.55 मिलियन डॉलर), फार्मास्यूटिकल्स (110.06 मिलियन डॉलर), चीनी (85.16 मिलियन डॉलर), और ऑटो पार्ट्स (28.57 मिलियन डॉलर) प्रमुखता से निर्यात होते हैं।
आयात: पाकिस्तान से भारत को मुख्य रूप से फल, मेवे, औषधीय पौधे, और नमक जैसे उत्पाद आयात होते हैं, जो न्यूनतम हैं। यह भी पढ़ें:
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प्रतिबंध का प्रभाव
पाकिस्तान पर प्रभाव: विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रतिबंध से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि वह भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाओं, और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर निर्भर है। तीसरे देशों के जरिए सामान मंगाने की लागत बढ़ने से कीमतें और महंगी होंगी। क्षेत्रीय प्रभाव: अटारी-वाघा सीमा बंद होने से पंजाब के छोटे व्यापारियों और अफगानिस्तान के साथ व्यापार पर असर पड़ेगा।
50 ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों की योजना
इस बीच, भारत सरकार अगले पांच वर्षों में 50 ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसका लक्ष्य ई-कॉमर्स निर्यात को 5 अरब डॉलर से अधिक तक ले जाना है। यह पहल छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने में मदद करेगी और भारत के डिजिटल व्यापार को बढ़ावा देगी।
विशेषज्ञों की राय
जीटीआरआइ के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, यह प्रतिबंध पूरी तरह से मांग को नहीं रोक सकता, क्योंकि पाकिस्तान तीसरे देशों के जरिए ऊंची कीमतों पर भारतीय सामान मंगाना जारी रख सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) के महानिदेशक अजय साहाय का कहना है कि भारत का कुल व्यापार इतना बड़ा है कि इस प्रतिबंध का प्रभाव नगण्य होगा।