दस्तावेजों की फर्जी तस्वीर की साझा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर, कुछ यूजर्स ने दस्तावेजों की तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया कि ये भारतीय सेना की आंतरिक और संवेदनशील जानकारी है, जो ऑपरेशनल योजनाओं से जुड़ी है और किसी तरह सार्वजनिक हो गई है। भारत के खिलाफ दुष्प्रचार अभियानों में प्रो-पाकिस्तान तत्व सक्रिय रहते हैं। इस बार भी ऐसे ही एक हैंडल ने जानबूझकर ये फर्जी दस्तावेज फैलाए हैं। इस तरह के दावों ने स्वाभाविक रूप से गंभीर चिंताएं उत्पन्न कीं, क्योंकि सैन्य तैयारियों से जुड़ी जानकारी का लीक होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
दस्तावेज भारतीय सेना के नहीं
मामले की गंभीरता को देखते हुए, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की फैक्ट चेक विंग ने इन वायरल दावों और दस्तावेजों की पड़ताल की। अपनी जांच के बाद, फैक्ट चेक ने अधिकारिक एक्स हैंडल पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें बताया है कि यह दावा फर्जी है। ये दस्तावेज प्रामाणिक नहीं हैं। इस स्पष्टीकरण से यह साफ हो गया है कि जिन दस्तावेजों को सेना का बताकर प्रसारित किया जा रहा है, वे वास्तव में भारतीय सेना के हैं ही नहीं और उन्हें गलत मंशा से फैलाया जा रहा है। पीआईबी और रक्षा मंत्रालय दोनों ने इन दावों को फर्जी बताया है और जनता से अपुष्ट सूचनाएं साझा न करने और सतर्क रहने की अपील की है।