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अमृतं जलम् अभियान के तहत बावडिय़ों में श्रमदान कर किया चकाचक

अमृतं जलम् अभियान के तहत सोमवार को दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने तालेड़ा उपखंड की देहित पंचायत के चांदनहेली गांव में महादेव जी की बावड़ी में आधे से एक घंटा श्रमदान कर बावड़ी की साफ सफाई कर चमका दिया।

बूंदीMay 06, 2025 / 12:20 pm

Narendra Agarwal

अमृतं जलम् अभियान के तहत बावडिय़ों में श्रमदान कर किया चकाचक

सुवासा चांदनहेली गांव में महादेव जी की बावड़ी की सफाई करते ग्रामीण।

सुवासा. अमृतं जलम् अभियान के तहत सोमवार को दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने तालेड़ा उपखंड की देहित पंचायत के चांदनहेली गांव में महादेव जी की बावड़ी में आधे से एक घंटा श्रमदान कर बावड़ी की साफ सफाई कर चमका दिया। सोमवार को सुबह 7 बजे दो दर्जन से अधिक ग्रामीण महादेव जी की बावड़ी में पहुंचे और गणेश जी की पूजा अर्चना कर सफाई में जुट गए।
बावड़ी में सफाई करने के लिए कोई झाड़ू लगाने लगा तो कोई तगारी में कचरा भरकर बाहर निकलने में जुट गया। श्रमदान करने को लेकर लोगों में उत्साह बढ़ता गया । बावड़ी के चारों ओर फैले कचरे को झाड़ू लगाकर एकत्रित किया गया। कुछ लोग बावड़ी की सीढिय़ां में उतरे और जमा कचरे को तगारी में भरकर बाहर निकलने लगे। कचरे से भरी तगारी एक हाथ से दूसरे हाथ होती हुई बढ़ती गई और देखते-देखते बावड़ी की सीढिय़ां चमकने के लिए और बावड़ी की सफाई हो गई।
इस अवसर पर समाजसेवी रामचंद्र मीणा, धन्ना दास महाराज लटुर मीणा, रामावतार मीना, श्याम मीणा, बसंती लाल मीणा, नंदजीत योगी, जितेंद्र योगी, मस्तराम मीणा सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीण उपस्थित रहे। रामचंद्र मीणा ने बताया कि बावड़ी 300 वर्ष से अधिक पुरानी है। बूंदी के महाराजा ने इस बावड़ी का निर्माण कराया था। बावड़ी में 12 महीने ही पानी रहता है। बावड़ी के अंदर पुराने चित्रकारियां है। इसके पानी को ग्रामीण पवित्र मानते हैं। शादी विवाह व कलश यात्रा में इस बावड़ी के पानी का उपयोग में लिया जाता है। हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर पूरे गांव के युवा मिलकर पूरी बावड़ी की इंजन से पानी निकाल कर सफाई करते हैं । बावड़ी के अंदर महादेव जी का मंदिर नन्दी गणेश जी की प्रतिमा विराजमान है।
नोताडा. क्षेत्र के डांगाहेडी के निकट स्थित जय गंगा की बावड़ी पर सोमवार को ग्रामीणों ने अमृतं जलम़ अभियान के तहत करीब घंटे भर तक श्रमदान किया। श्रमवीरों ने बावड़ी की सीढियों पर जमा कचरे को फावड़ा व तगारियों के माध्यम से बावड़ी से बाहर निकाकर साफ सफाई की तथा आसपास उगे घास कचरे को साफ कर कचरें को हटाया तथा अपने आसपास कुएं बावडिय़ों की साफ सफाई रखने की शपथ ली। इस
दौरान संत कन्हैया दास, समाजसेवी सोनू गुर्जर, गौसेवक भागचंद रायका, ग्रामीण चंद्रकला, बदाम बाई, सत्यनारायण, कमल, रामदेव आदि ने बावड़ी में श्रमदान के कार्य में हाथ बढाया।
गोविंदपुर बावड़ी में उत्साह से किया श्रमदान
तालेड़ा. अमृतं जलम् अभियान के तहत सोमवार को गोविंदपुर बावड़ी में प्राचीन बावड़ी की साफ सफाई कर उत्साह से श्रमदान किया। लोगों ने सीढियों सहित अन्य स्थानों पर हो रही गंदगी को साफ किया।
झाड़ू लगाकर कचरे को भरकर बाहर फेंका गया। बावड़ी में श्रम दान करते समय अशोक लोधा, जगदीश लोधा, बनवारी लाल मेघवाल, महेश लोधा, रामफूल कुशवाह, बृजराज लोधा, नवल लोधा सहित गांव के लोगों ने बताया कि यदि सरकार इन प्राचीन धरोहर के रूप में सारसभाल पर ध्यान दे तो निखार आ सकता है।
प्राचीन इमारत की पुरातत्व विभाग का भी देखरेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो रही है। बावडी की समय पर रखरखाव देखना और साफ सफाई होती रहे तो स्थानीय लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होगी। लोगों ने बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लेकर अमृतं जलम् में श्रमदान किया।

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