बसों, सूचना पट्ट पर प्रभारी, पर्यवेक्षकों के संपर्क नंबर दर्ज किए जाएंगे। इससे यात्रियों को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क करने का अवसर मिलेगा। मुख्यालय ने 15 जून तक कुल वाहनों का कम से कम 50 प्रतिशत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है। यदि किसी बस में कोई कमी पाई जाती हैं तो संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अभियान का संचालन प्रबंधक करेंगे और हर 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट मुख्यालय भेजेंगे।
प्रत्येक बस के चालक को फाटक पर वाहन रखरखाव प्रभारी का नाम,एवं मोबाइल नंबर अंकित करना होगा। यदि कोई बस अन्य आगार में स्थानांतरित होती है तो नए आगार की ओर से तुरंत प्रभारी एवं पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाएगी। प्रत्येक बस के लिए एक प्रभारी और पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे, जो बस की नियमित देखभाल और रखरखाव की जिमेदारी संभालेंगे। इन प्रभारी और पर्यवेक्षकों के नाम, वाहन संया, फायर सिस्टम, सीटों की स्थिति, टायर, लाइट, इलेक्ट्रिक सिस्टम, विंडो लॉक और संपर्क नंबर जैसी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रखी जाएगी। इससे किसी भी समय बस की स्थिति की जांच आसानी से की जा सकेगी और आवश्यकतानुसार तत्काल निर्णय किया जाएगा।
अभियान के तहत बसों के नियमित निरीक्षण, उचित रखरखाव और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अंतर्गत निगम की सभी बसों का भौतिक और यांत्रिक निरीक्षण किया जाएगा। इसमें बॉडी, इलेक्ट्रिक सिस्टम, सुरक्षा उपकरण, सीट, टायर, डीजल की औसत खपत, सफाई, शीशे, विंडो लॉक, हेड लाइट्स, पैनिक बटन, फर्स्ट एड एड बॉक्स आदि की जांच की जाएगी।।
प्रत्येक डिपो में कार्यरत मैकेनिकों को बसों का सामान रूप से आवंटन कर उन्हें प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। इसमें हर प्रभारी को 3 बसों की जिमेदारी दी जाएगी। बस प्रभारियों की निगरानी के लिए कनिष्ठ एवं वरिष्ठ सहायकों के साथ-साथ सहायक या अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारियों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा।
बूंदी आगार में वर्तमान में 48 बसों का संचालन किया जा रहा है। अभियान को लेकर हर बस पर कार्मिक नियुक्त किया गया है। बूंदी आगार में 16 मैकेनिकों में कुल 48 बसों को बांटा गया है तथा इन मैकेनिकों के ऊपर ऑफिस के आठ अधिकारी व कर्मचारियों को लगाया गया है, जिसमें प्रत्येक अधिकारी के पास दो मैकेनिक होंगे, जो गाड़ियों का काम देखेंगे।
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक,बूंदी डिपो