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सौ साल बाद भी राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं मुक्तिधाम की भूमि, कैसे जुटे सुविधाएं

शहर में रियासतकाल से बने मुक्तिधामों की भूमि मुक्तिधामों के नाम नहीं है। राजस्व रिकॉर्ड में यह भूमि अभी तक सिवाय चक बंजर भूमि के नाम से ही अंकित है। जबकि भूमि पर एक सदी से मुक्तिधामों के काम आ रही है।

बूंदीAug 07, 2025 / 11:56 am

Narendra Agarwal

सौ साल बाद भी राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं मुक्तिधाम की भूमि, कैसे जुटे सुविधाएं

नैनवां। शहर के नवलसागर तालाब के नीचे स्थित मुक्तिधाम, मुक्तिधाम की यह भूमि अभी तक राजस्व रिकार्ड में सिवाय चक ही बोल रही

नैनवां. शहर में रियासतकाल से बने मुक्तिधामों की भूमि मुक्तिधामों के नाम नहीं है। राजस्व रिकॉर्ड में यह भूमि अभी तक सिवाय चक बंजर भूमि के नाम से ही अंकित है। जबकि भूमि पर एक सदी से मुक्तिधामों के काम आ रही है। शहर के बाहर दो स्थानों शहर की उत्तरी दिशा में टोडापोल व दक्षिण दिशा में नवलसागर तालाब की पाल के नीचे मुक्तिधाम बने हुए है। शहर के बीच स्थित झंडे की गली से उत्तर दिशा में बसे शहर के लोग टोडापोल स्थित मुक्तिधाम व दक्षिण दिशा में बसे लोग नवलसागर तालाब की पाल नीचे स्थित मुक्तिधाम काम आता है।
टोडापोल में अलग-अलग जातियों के 50 बीघा भूमि पर अलग-अलग स्थानों पर मुक्तिधाम बने हुए है, जिनमें से मात्र 9 बिस्वा भूमि ही राजस्व विभाग के रिकार्ड मुक्तिधाम के नाम अंकित है। शेष भूमि सिवाय चक होने से आधे ज्यादा आरक्षित भूमि पर अतिक्रमण हो रहा है। दो स्थानों पर ही अंतिम संस्कार के लिए टीन शेड बने हुए है। बाकी के मुक्तिधामों पर टीन शेड नहीं होने से बरसात आने पर तिरपाल तानकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है।
नवलसागर तालाब की पाळ के नीचे का मुक्तिधाम 13 बीघा 9 बिस्वा में फैला हुआ है। यह भूमि राजस्व रिकार्ड में मुक्तिधाम के नाम अंकित नहीं है। रिकॉर्ड में सिवाय चक बंजर भूमि ही बोल रही है। भूमि पर अतिक्रमण बढ़े तो नगरपालिका ने चारदीवारी करा रखी है। चारदीवारी के बीच यहां पर भी अलग-अलग जातियों के अलग-अलग स्थान बने हुए है, जिनमें से अधिकांश पर तो टीनशेड तक नही है, जिससे बरसात में परेशानी आती है।
नई आवंटित भूमि अतिक्रमण की चपेट में
शहर पहले परकोटे के अंदर बसा हुआ था। दो दशक से परकोटे के बाहर शहर का विस्तार होने पर आठ वर्ष पहले परकोटे के बाहर बसी आबादी के लिए मुक्तिधाम के लिए परेड ग्राउंड के पास 3 बीघा 18 बिस्वा भूमि आवंटित की थी, जिसकी राजस्व विभाग ने तरमीम भी कर रखी है। तरमीम शुद्धा भूमि भी अतिक्रमण की चपेट में आ रही है। मुक्ति धाम की इस भूमि से अतिक्रमण नहीं हटा पाने से अतिक्रमियों ने मकान तक बना लिए। अतिक्रमण के कारण भूमि मुक्तिधाम के काम नहीं आ पा रही। इस मुक्तिधाम से अतिक्रमण हटाने के लिए दो बार आंदोलन हो चुके है। उसके बाद भी भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाए।
पटवारी का कहना
नैनवां शहर के पटवारी धर्मराज मीणा का कहना है कि रिकॉर्ड के अनुसार नवलसागर तालाब के नीचे के 13 बीघा 9 बिस्वा भूमि पर मुक्तिधाम तो स्थित है। यह भूमि रिकॉर्ड में सिवाय चक बंजर भूमि ही दर्ज है। टोडापोल में 50 बीघा में अलग-अलग मुक्तिधाम बने हुए है। यहां पर भी मात्र 9 बिस्वा भूमि ही मुक्तिधाम के
नाम है।

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