शहर पहले परकोटे के अंदर बसा हुआ था। दो दशक से परकोटे के बाहर शहर का विस्तार होने पर आठ वर्ष पहले परकोटे के बाहर बसी आबादी के लिए मुक्तिधाम के लिए परेड ग्राउंड के पास 3 बीघा 18 बिस्वा भूमि आवंटित की थी, जिसकी राजस्व विभाग ने तरमीम भी कर रखी है। तरमीम शुद्धा भूमि भी अतिक्रमण की चपेट में आ रही है। मुक्ति धाम की इस भूमि से अतिक्रमण नहीं हटा पाने से अतिक्रमियों ने मकान तक बना लिए। अतिक्रमण के कारण भूमि मुक्तिधाम के काम नहीं आ पा रही। इस मुक्तिधाम से अतिक्रमण हटाने के लिए दो बार आंदोलन हो चुके है। उसके बाद भी भूमि को अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाए।
नैनवां शहर के पटवारी धर्मराज मीणा का कहना है कि रिकॉर्ड के अनुसार नवलसागर तालाब के नीचे के 13 बीघा 9 बिस्वा भूमि पर मुक्तिधाम तो स्थित है। यह भूमि रिकॉर्ड में सिवाय चक बंजर भूमि ही दर्ज है। टोडापोल में 50 बीघा में अलग-अलग मुक्तिधाम बने हुए है। यहां पर भी मात्र 9 बिस्वा भूमि ही मुक्तिधाम के
नाम है।