इसी के साथ सब्जी मंडी के पीछे, लुहार कटले का मोहर्रम चौगान गेट, सदर बाजार होते हुए तिलक चौक पहुंचकर मुख्य जुलूस में शामिल हुआ। यहां से जुलूस कर्मबद्ध तरीके से शुरू हुए। आगे-आगे अखाड़ेबाज अपने अखाड़ों का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे। जुलूस मार्ग में दर्जनों छबीलें लगी हुई थी,। जिसमें शर्बत बिरयानी, हलीम तकसीम की गई। स्टालों पर स्पीकर साउंड सिस्टम में मातमी धुन बजाई जा रही थी। जुलूस सदर बाजार, चौमुखा बाजार, ठठेरा बाजार, मीरा गेट होते हुए रात को कर्बला पहुंचा, जहां पर ताजिए को ठंडा किया गया। एक अन्य जुलूस छोटा बाजार, मोची बाजार, चौमुखा, बड़ा मदरसा होते हुए बड़ा तालाब कर्बला पहुंचा। जुलूस में छोटी मेहंदी भी शामिल रहे। इस दौरान बूंदी जिला वक्फ कमेटी सचिव मौलाना असलम, आरिफ खान, जिशान खान, उप सभापति लटूर भाई, मेहमूद अली, आमीन, खलील अहमद, हाजी जफर, नवेद केसर एडवोकेट आदि सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
देई. कस्बे में रविवार को मोहर्रम के मौके पर मातमी धुनों के साथ जुलूस निकाला, जिसमें अखाड़ेबाजों ने कई करतब दिखाए। अंजुमन इस्लामिया कमेटी के डॉ. इश्हाक मोहम्मद ने बताया कि जुलूस बडी जामा मस्जिद से शुरू होकर कुम्हार मोहल्ला, थोक सब्जीमंडी पहुंचा व हजरत रूस्तम पीर बाबा की दरगाह से जुलूस बस स्टैण्ड, नैनवां रोड होता हुआ विवेकानन्द सर्कल पहुंचा। जहां अखाडेबाजों ने तलवारबाजी, पट्टेबाजी, मुकद्दर आदि का प्रदर्शन किया। सदर बाजार होते हुए लोहडी चौहटी पर पहुंचा। जहां पर अखाड़े के उस्तादों का साफा पहनाकर इस्तकबाल किया। जुलूस के रास्ते में कई जगह छबील लगाई गई। गढ़ चौक में लंगर लगाया, जहां हलीम बनाकर तस्कीम की गई। देर शाम को पुराना गुढादेवजी रोड स्थित करबला में छड़ी मुबारक को ठंडा किया गया।