न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई करते हुए हरियाणा पुलिस और बाकी पक्षों को नोटिस भेजा है और इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा है कि श्रेयस तलपड़े समेत बाकी ब्रांड एंबेसडर्स को एफआईआर में क्यों जोड़ा गया है।
50 लाख से ज्यादा लोगों के साथ ठगी
ये मामला इंदौर की एक कंपनी ‘ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी’ से जुड़ा है। इस कंपनी ने अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ को अपना ब्रांड एंबेसडर बताया और लोगों से निवेश करवाने के लिए एक चिटफंड स्कीम चलाई। कंपनी ने लोगों को झांसा दिया कि उनकी रकम 6 साल में दोगुनी कर दी जाएगी। इस वादे के जरिए कंपनी ने 45 लोगों से करीब 9.12 करोड़ रुपये ले लिए। इतना ही नहीं, जो लोग एजेंट बने उन्हें मैनेजर जैसे पद देकर और लोगों को जोड़ने के लिए कहा गया।
कुछ समय बाद, नवंबर में कंपनी के ऑफिस अचानक बंद हो गए। तब जाकर लोगों को धोखाधड़ी का शक हुआ और उन्होंने एफआईआर (FIR) दर्ज कराई। बताया जा रहा है कि यह कंपनी 50 लाख से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये लेकर फरार हो चुकी है।
एक्टर समेत 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
हरियाणा के सोनीपत जिले के हसनपुर गांव के रहने वाले युवक विपुल ने एक धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले में मुरथल पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इस शिकायत में अभिनेता श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ समेत कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें इंदौर के नरेंद्र नेगी, दुबई में रहने वाले समीर अग्रवाल और पंकज अग्रवाल, परिक्षित पारसे, मुंबई के आरके शेट्टी, मुख्य ट्रेनर राजेश टैगोर, संजय मुदगिल, हरियाणा हेड पप्पू शर्मा, चंडीगढ़ के आकाश श्रीवास्तव, चेस्ट ब्रांच अधिकारी रामकंवार झा और पानीपत के शबाबे हुसैन शामिल हैं। वहीं, अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े को ब्रांड एंबेसडर के तौर पर आरोपी बनाया गया है।