Sholay: ‘शोले’ का वो किरदार जो फिल्म में 3 बार ही आया नजर, 15 साल पहले हो चुकी है मौत
Sholay Film: फिल्म शोले को 15 अगस्त को 50 साल होने वाले हैं। वैसे तो फिल्म में जय-वीरु से लेकर ठाकुर-गब्बर को हर कोई पसंद करता है, लेकिन फिल्म में एक ऐसा दमदार सितारा था जो महज 3 बार ही नजर आया है, लेकिन आज भी लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं और वह अब दुनिया को अलविदा कह चुका है। आइये जानते हैं कौन है ये…
‘शोले’ मूवी का एक पोस्टर जिसनें दिखाई दे रहे सभी अहम किरदार
50 Year Of Sholay: साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले एक ऐसी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनी जिसने 50 साल बाद भी लोगों के मन में एक गहरी छाप छोड़ी हुई है। फिल्म की स्टारकास्ट से लेकर गाने हो या डायलॉग जनता को आज भी पसंद आते हैं। दोस्ती और दुश्मनी पर बनी इस फिल्म में एक ऐसा कलाकार था जिसका किरदार महज 3 बार दिखाया गया था, लेकिन फिर भी लोगों का पसंदीदा और सबसे फेमस किरदार बन गया। अगर आपको लगता है कि यह किरदार जय-वीरू, गब्बर, बसंती या ठाकुर है तो आप गलत हैं। जिस किरदार कि हम बात कर रहे हैं वो एक सहायक खलनायक का रोल था। यह एक्टर अपनी खामोशी और सिर्फ तीन शब्दों से अमर हो गया था।
फिल्म शोले की कहानी से लेकर रामगढ़ के गांव तक हर छोटी-बड़ी बातें लोगों को याद हैं, लेकिन एक वो कैरेक्टर जिसके डायलॉग भर से वह दुनिया में उसी चीज से फेमस हुआ वह कोई और नहीं बल्कि ‘सांभा’ था। जिसका किरदार दिवंगत अभिनेता मैक मोहन ने निभाया था। जो अब हमारे बीच नहीं हैं उनकी मौत साल 2010 में हुई थी। उन्हें फेफड़ों का कैंसर था।
फिल्म शोले में था सांभा का शानदार किरदार (Sholay film)
‘शोले’ फिल्म में जहां एक तरफ गब्बर सिंह (अमजद खान) आतंक का चेहरा दिखाए गए थे, वहीं उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा सांभा एक साइलेंट साथी की भूमिका में था। इस फिल्म में उनका नाम सिर्फ 3 बार आता है, वो भी गब्बर सिंह के मुंह से। फिल्म में उनके सिर्फ तीन डायलॉग थे।
शोले में गब्बर ने सांभा का नाम लिया था। गब्बर कहते हैं: अरे ओ सांभा, कितना इनाम रखा है सरकार हम पर?, सांभा: पूरे पचास हजार। सांभा: चल बे जग्गा (जब वो इमाम साहब के बेटे को पकड़ते हैं)। सांभा: सरदार… ये रामगढ़ का छोकरा है, स्टेशन जा रहा था, हमें रास्ते में मिला।” सांभा का वो छोटा सा रोल दर्शकों को आज भी याद है।
मैक मोहन बने थे फिल्म शोले में सांभा
बता दें, मैक मोहन ने अपने करियर में करीब 200 फिल्मों में काम किया, लेकिन शोले का ‘सांभा’ उनके जीवन का सबसे यादगार किरदार बन गया। उनका असली नाम मोहन मखीजानी था। उनका जन्म 1938 में कराची में हुआ था। जो उस समय का ब्रिटिश भारत था। वह विभाजन के बाद भारत आ गए थे। मैक मोहन को एक्टिंग का काफी शौक था। उन्होंने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फिल्में दी। ज्यादातर मैक मोहन ने सपोर्टिंग या नेगेटिव रोल निभाए थे। ‘डॉन’, ‘जंजीर’, ‘शान’, ‘सत्ते पे सत्ता’, और ‘कर्ज’ जैसी फिल्मों में मैक मोहन अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके थे।