इसका संचालन प्रशासन नहीं, बल्कि नागरिकों द्वारा गठित कमेटी करेगी, जिसमें व्यापारी, सामाजिक संगठन, शिक्षाविद, डॉक्टर और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मंगलवार को मंथन कक्ष में कलेक्टर संजय अग्रवाल और निगम आयुक्त अमित कुमार ने विभिन्न संगठनों के साथ बैठक की। बैठक में शहर की सुरक्षा, निगरानी और समन्वय को बेहतर करने को लेकर सुझाव मांगे गए।
कलेक्टर ने कहा कि जिस तरह स्वच्छता में नागरिकों की भूमिका अहम रही है, उसी तरह सुरक्षा और निगरानी में भी भागीदारी ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए जल्द ही एक रोडमैप तैयार कर क्रियान्वयन शुरू किया जाएगा।
संगठनों ने दी सहमति
बैठक में शामिल सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस पहल को सराहा और इसे लागू करने पर सहमति जताई। बैठक में ट्रांसपोर्ट, सराफा, व्यापारी संघ, स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संगठनों सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। यह योजना लागू होने पर न सिर्फ़ अपराधों पर अंकुश लगेगा, बल्कि हर घटना का डिजिटल सबूत भी मौजूद रहेगा, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
निगम कमिश्नर ने दी योजना की जानकारी
निगम आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि फिलहाल शहर के 23 प्रमुख जंक्शनों पर 523 कैमरे लगे हैं, जिन्हें स्मार्ट सिटी के कमांड सेंटर से संचालित किया जा रहा है। अब इस प्रणाली को पूरे शहर में लागू करने की ज़रूरत है, खासकर बाहरी और अनियंत्रित क्षेत्रों में। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली तकनीकी टीम, बजट समिति और निगरानी कमेटी के समन्वय से चलेगी। डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने के लिए सुझाव और विश्लेषण का दौर शुरू हो चुका है।