प्रदेश सरकार ने कोर्ट में शिकायत संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किए। याचिकाकर्ता के वकील देवर्षि ठाकुर ने कोर्ट को सूचित किया कि 31 प्रकरण की जांच पूर्ण हो चुकी है। मामले में 4 बच्चों की ओर से भी याचिका दायर की गई है। एक हस्तक्षेप याचिका को स्वीकार कर कोर्ट ने संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि दुर्ग जिले के 74 बच्चों के एडमिशन गलत तरीके से हुए हैं। इसमें बीपीएल और अंत्योदय कार्ड का गलत तरीके से उपयोग किया गया है। सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि वेबसाइट को हैक भी किया गया था। कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 जुलाई को तय की है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि भिलाई के समाजसेवी सीवी भगवंत राब ने आरटीई में गड़बड़ी पर जनहित याचिका दायर की है। अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से वायर इस याचिका में पूर्व में चार दर्जन निजी स्कूलों को पक्षकार बनाया गया था। पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने इन स्कूलों को नोटिस जारी किया था। आरटीई के तहत शिक्षा के अधिकार की यह कानूनी लड़ाई 2012 से जारी है। 2016 में हाईकोर्ट ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। मगर, निजी स्कूलों ने इन्हें सही ढंग से लागू नहीं किया। इस लापरवाही और अनियमितता को देखते हुए फिर से याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार और शिक्षा विभाग को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
पिछली सुनवाई में शासन ने प्रस्तुत किया था शिकायतों का विवरण
पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने पिछली शिकायतों के निपटारे का रिकॉर्ड और शशैक्षणिक वर्ष 2025 के लिए प्राप्त शिकायतों को भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, रायपुर ने अपने व्यक्तिगत शपथपत्र में प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं के संबंध में की गई।
शिकायतों और जिलों के संबंधित अधिकारियों के समक्ष लंबित शिकायतों के बारे में बताया। वहीं 6 मई 2025 को राज्य शासन की और से चेताया गया था कि प्रवेश के संबंध में कुल 1626 शिकायते और आरटीई के अंतर्गत 20 शिकायते प्राप्त हुई, जिनमें से 1585 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है तथा 41 मामले विचाराधीन है।
राज्य स्तरीय कार्यालय में 751 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनमें से 734 मामलों का निपटारा कर दिया गया है तथा 17 मामले विचाराधीन है। जिला स्तर पर आरटीई के अंतर्गत प्रवेश के संबंध में कुल 60 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 41 शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है तथा 19 (दुर्ग में 17 तथा बिलासपुर जिले में 2) शिकायतें विचाराधीन हैं।