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वजन कम करने वाली दवा की डिमांड मेडिसिन मार्केट में सबसे ज्यादा है। भोपाल में ही इसकी डिमांड एक महीने में तीन गुना हो गई है। देश में अप्रेल माह में इसका कारोबार 4.8 करोड़ रहा जो मार्च में 1.42 करोड़ रुपए था।
एंड्रोक्रानलॉजिस्ट ने कहा..
- 44% मधुमेह से पुरुषों में स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का जोखिम
- 31% तक महिलाओं में यह है।
- 13% पंडित खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज के शोध के अनुसार भोपाल में व्यवसाय और नौकरी करने वाले लोग मधुमेह से पीड़ित है।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
यह दवा शरीर में दो जरूरी हार्मोन्स जीआईपी और जीएलपी 1 की तरह काम करती है। इंजेक्ट करते ही यह इन हार्मोन्स के लिए रिसेप्टर्स एक्टिव करती है। जिससे पैनक्रियाज को ज्यादा इंसुलिन प्रोड्यूस करने का मैसेज मिलता है। –डॉ. मनुज शर्मा, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट जीएमसी देश में मौजूद दो अहम दवाएं लिराग्लूटाइड और सेमाग्लूटाइड एक ग्लूकागन जैसा पेप्टाइड-1 (जीएलपी 1) रिसेप्टर एगोनिस्ट है। यह मधुमेह पर कारगर हैं। जबकि नयी दवा में जीआईपी और जीएलपी 1 वाला ट्विन केराटीन है। -डॉ. सचिन चित्तावार, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, भोपाल
वजन घटाने के लिए अनुचित पोषण से बचना होगा। स्वस्थ जीवन शैली को फॉलो करें। संतुलित आहार लें। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन लें। नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें। – डॉ. कुलदीप गुप्ता, कयुनिटी मेडिसिन एक्सपर्ट, गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल
25% वजन घटाने का दावा
यह दवा इंजेक्शन(Weight Loss Medicine Side Effects) के रूप में आती है। सप्ताह में एक बार लेने से 25 फीसदी तक वजन कम हो सकता है। साथ ही यह मधुमेह को भी कंट्रोल करती है। इसकी 5 एमजी डोज की कीमत 4,375 रुपए और 2.5 एमजी डोज की कीमत 3,500 रुपए है।
40% मोटापे से ग्रस्त
जेपी अस्पताल की मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आफ्रीन आलम ने बताया कि भोपाल में मोटापे से ग्रस्त मरीजों की संख्या कुल मरीजों के 30 से 40 प्रतिशत है, जिनका बीएमआई 24 से ऊपर है। इसकी वजह तले हुए और प्रोसेस्ड फूड हैं।