टाइम ऑफ दि डे टैरिफ लागू
इसके साथ ही टाइम ऑफ दि डे टैरिफ भी लागू हो गया है। सुबह छह से दस बजे तक और शाम छह बजे से रात नौ बजे तक खपत की गई बिजली टैरिफ से 20 फीसदी महंगी होगी। इससे मई में प्रति यूनिट करीब 0.67 रुपए अतिरिक्त राशि बिल में जुड़ेगी। 300 यूनिट जोड़ा जाएगा। यूल एडजस्टमेंट सरचार्ज 24 अप्रेल से 23 मई के लिए लागू रहेगा। ये 3.92 फीसदी तय किया है। इसमें मार्च में कम किया 0.75 फीसदी सरचार्ज भी जुड़ेगा, जिससे ये बिजली बिल 4.67 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा।
किस लिए वसूला जाता है सरचार्ज?
बिजली बनाने में ईंधन का खर्च है ये सरचार्ज यूल एंड पावर परचेस एडजस्टमेंट सरचार्ज विद्युत वितरण कंपनियां उपभोक्ताओं से वसूलती हैं। इसका उद्देश्य ईंधन और बिजली खरीद लागत में होने वाले मासिक उतार-चढ़ाव की भरपाई करना है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने 2021 में अपने टैरिफ विनियमों में संशोधन कर डिस्कॉम को यह अनुमति दी कि वह मासिक रूप से इस शुल्क को खुद लागू कर सकते हैं। उन्हें हर बार नियामक की स्वीकृति की जरूरत नहीं है। यह भी पढ़े –
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- बिजली की खपत को शिट करें भारी बिजली खपत वाले उपकरण (जैसे गीजर, वॉशिंग मशीन, मोटर, इंडस्ट्रियल मशीन) को ऑफ-पीक ऑवर्स में चलाएं, ताकि बिजली बिल कम आए।
- ऊर्जा दक्षता बढ़ाएं: एलईडी लाइट, इन्वर्टर एसी, एनर्जी इफिशिएंट मोटर आदि का उपयोग करें।
- स्मार्ट मीटर लगवाएं: टैरिफ को बेहतर तरीके से मॉनिटर करने के लिए स्मार्ट मीटर लगवा सकते हैं।
- रिन्यूएबल एनर्जी अपनाएं सोलर पैनल और बैटरी स्टोरेज सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं ताकि पीक आवर्स में ग्रिड पर निर्भरता कम हो।
- ऑटोमेशन और टाइमर का उपयोग करें: उपकरणों को टाइमर पर सेट करें ताकि वे सस्ती दरों वाले समय में ही चलें
टाइम ऑफ दि डे: एक लाख उपभोक्ता घेरे में
मप्र विद्युत नियामक आयोग के 2025-26 के बिजली टैरिफ ने शहर के एक लाख के करीब बिजली उपभोक्ताओं को टीओडी यानी टाइम ऑफ दि डे के दायरे में ला दिया है। पीक अवर्स में इन्हें भी बड़े उद्योगपतियों की तरह टैरिफ से 20 फीसदी बिजली मिलेगी। स्मार्ट मीटर कंपनी को रियल टाइम डेटा देते हैं, इसलिए इसमें टीओडी के तहत खपत निकालना आसान है। भोपाल में करीब 2.86 लाख स्मार्ट मीटर का लक्ष्य तय है। इसमें से अभी 50 हजार स्थापित हो चुके हैं। इसपर पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के सीजीएम शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि यूल एडजस्टमेंट सरचार्ज हर माह तय होता है। इसकी एक प्रक्रिया है, जिसे ऊर्जा शुल्क के साथ वसूला जाता है। पिछले माह ये 0.75 फीसदी घटा भी था।