ऐसे 1627 नवाचारों की प्रदर्शनी राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) की सृजन 2025 में लगाई है। इसमें टॉप 150 इनोवेटिव प्रोजेक्ट को पेंटेट के लिए आगे बढ़ाने और सीड फंडिग के लिए चुना गया है।
सरल और सुरक्षित
अभिलाषा की यह तकनीक (diabetes monitoring device) बिना दर्द के मधुमेह मरीजों को बड़ी राहत देगा। इंजेशन से डरने वाले मधुमेह के मरीजों की इस यंत्र से नियमित निगरानी हो सकेगी। ऐसे काम करती है डायबिटीज मॉनिटरिंग डिवाइस
यह डिवाइस सांस में मौजूद किटोन बॉडीज का विश्लेषण कर शरीर में शुगर के स्तर को बता देता है। शुगर बढऩे पर शरीर में किटोन बॉडीज अधिक मात्रा में बनने लगती है। फूंक मारने पर यह पदार्थ सांस के जरिए इस डिवाइस में पहुंच जाता है और डिवाइस इसका विश्लेषण कर शुगर का स्तर बता देती है। यह डिवाइस तीन श्रेणी में शुगर के स्तर का रीडिंग करती है। लो लेवल यानि कम शुगर, मॉडरेट यानि सामान्य शुगर लेवल और हाई शुगर लेवल। इस डिवाइस को पेटेंट मिल गया है। तकनीक की लैब में किटोन बॉडी डिटेक्शन के कई ट्रायल किए गए हैं, जिससे इसके परिणामों की विश्वसनीयता बढ़ी है।