आइएमडी के अनुसार, मानसून केरल से शुरू होकर 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। मौसम विभाग ने अप्रेल के अनुमान में इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद जताई है। इससे अल-नीनो के असर को नकारा जा रहा है, क्योंकि अल नीनो के असर से सामान्य से कम बारिश होती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने बताया, देश में इस साल 4 सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान 105% बारिश हो सकती है, जो औसत बारिश 87 सेंटीमीटर से ज्यादा है।
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– Monsoon 2025: मानसून को लेकर मौसम विभाग की बड़ी भविष्यवाणी, औसत से 110% अधिक होगी बारिश, देखें अपडेट 96 से 104% बारिश सामान्य मानी जाती है। कृषि के लिए मानसून अहम है। देश की ४२त्न आबादी कृषि पर निर्भर है। यह क्षेत्र देश के विकास में 18त्न योगदान देता है।
बंगाल की खाड़ी से इंट्री
भोपाल के मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने कहा, इस बार लगातार बारिश की स्थितियां हैं। बंगाल की खाड़ी ज्यादा एक्टिव दिख रही है। ऐसे में इसी ओर या पूर्वी हिस्से में मानसून आ सकता है।
जल्द यानी ज्यादा बारिश नहीं
मौसम विभाग ने साफ किया कि केरल में मानसून के जल्दी या देर से आने का मतलब कम या ज्यादा बारिश होना नहीं है। इसमें कई फैक्टर होते हैं। हाल में विभाग ने बताया था कि इस साल दक्षिणी अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीपसमूह में मानसून 13 मई को आगे बढ़ सकता है। ऐसा 20 मई के आसपास होता है। इस बार एक हफ्ते पहले ही हो रहा है।