कौन सा फॉर्म भरें
यदि आपने शेयर बेचकर सवा लाख रुपए से ज्यादा का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन अर्जित किया है या विदेशी बैंक में आपका खाता है तो आपको आइटीआर फार्म-1 के स्थान पर आइटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। गलत फॉर्म के चयन से आपका रिटर्न गलत माना जा सकता है। कोई भी रिटर्न भरने के 30 दिन के भीतर सत्यापित करना आवश्यक है। यह सत्यापन आधार ओटीपी या नेट बैंकिंग या डाक से भेजकर किया सकता है। अगर आप निर्धारित समय में सत्यापित नहीं करते तो रिटर्न अमान्य माना जाता है। रिटर्न भरने से पहले फार्म-26 एएस और एनुअल इंफार्मेशन स्टेटमेंट (एएआइएस) की जांच जरूर करें। इनमें आपकी आय, टीडीएस और बड़े हुए लेनदेन की जानकारी होती है। अगर इसमें कोई गड़बड़ी है, जैसे कि बैंक की ओर से काटा गया टीडीएस गलत दिख रहा हो, तो उसे ठीक कराएं।
आय से जुड़ी जानकारी दें
यदि आपने एक वित्त वर्ष में नौकरी बदली है तो दोनों नियोक्ताओं से मिली आय को आइटीआर में दिखाना जरूरी है। दोनों नियोक्ताओं से मिले फार्म-16 को ध्यान से देखें और सुनिश्चित करें कि कोई आय छूट तो नहीं रही। करदाता कई बार पुराने नियोक्ता की आय या टीडीएस से जुड़ी जानकारी छोड़ देते हैं, जो कि गलत है। एआइएस में आपकी आय की जानकारी होती है, इसलिए इसे छिपाने की कोशिश नहीं करें। ऐसा करने पर भी नोटिस आ सकता है। बता दें कि पहले रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है।
बिना सबूत छूट से बचें
करदाता कई बार बिना सबूत के धारा-80सी, 80डी या अन्य छूट का दावा कर लेते हैं। बच्चों की स्कूल फीस, बीमा प्रीमियम या मेडिकल इंश्योरेंस के लिए छूट तभी ली जा सकती है, जब आपके पास इनसे संबंधित वैध दस्तावेज हों। आयकर विभाग अब एआइएस और एआइ टूल्स की मदद से इन गड़बडिय़ों को आसानी से पकड़ लेता है। ऐसे करदाता जो ओल्ड टैक्स रिज्यूम में अपनी आइटीआर भरना चाहते हैं वे आयकर की विभिन्न धाराओं में ली जा रही छूट के सभी दस्तावेज संभालकर रखें और उनकी विशेष जानकारियां जैसे पॉलिसी नंबर, बैंक एकाउंट नंबर आदि की जानकारी देना होगा। आयकर रिटर्न भरते समय विशेष सावधानी की जरूरत होती है। करदाता को मांगी गई सभी जानकारी देना चाहिए।- राजेश जैन, वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट