मार्कशीट कागज का टुकड़ा, असली दुनिया इंटरनेट
दसवीं कक्षा के छात्र शिवांग के पिता संदीप सिंह ने बताया कि पिछले कुछ समय से बच्चे के व्यवहार में अंतर दिखाई दिया। काउंसलर के पास पहुंचे जहां बच्चे का कहना था मार्कशीट कागज के टुकड़े हैं। असली दुनिया इंटरनेट पर हैं। पढ़ाई छोड़ वह यहां कारोबार करना चाहता है। काउंसलर ने समझाइश दी है। ये भी पढ़ें: अब हर घर का होगा ‘डिजिटल एड्रेस’, सभी को मिलेगा पर्सनल ‘क्यूआर कोड’ ये उपाय करें
● मोटिवेशनल स्पीकर और सीए मुकेश राजपूत ने बताया कि बच्चों को डांटने की बजाय समझाइश दें। ये उपाय करें।
● इंटरनेट के उपयोग से रोकने की बजाय बच्चों को सक्सेस फुल लोगों से मिलाए। ● खेल और क्रिएटिव कामों में उन्हें लगाए। घर के कामों की उनसे राय लें। जुड़ाव बनाएं।
रील्स देख बदला मन
छात्र अमन ने 12वीं की परीक्षा पास की। नीट की तैयारी करना लक्ष्य था। पिता ने बताया कि दो माह में उसका लक्ष्य बदल गया। इंटरनेट पर सर्चिंग में लगा रहता था। यूट्यूब पर रील्स देखने से उसका लक्ष्य बदल गया।