दरअसल, सोमवार को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से सभी स्कूल संचालकों और पुलिस अफसरों के साथ बैठक की। जिसमें स्कूलों को सख्त हिदायत दी गई कि बच्चों की सुरक्षा से कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बीते दिनों, पहले बाणगंगा चौराहे पर स्कूली बस का ब्रेक फेल हो गया था। जिसमें एक ट्रेनी डॉक्टर की मौत हो गई। इसके बाद से प्रशासन बिल्कुल भी छूट देने के मूड में नहीं है।
नए सेशन से बसों की होगी चेकिंग
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी स्कूल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि नए सत्र शुरु होने के पहले सभी स्कूलों में ट्रांसपोर्ट अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। जिसमें बच्चों के ट्रांसपोर्ट, वाहन का सर्टिफिकेट, ड्राइवर और कंडक्टर की जानकारी प्रदान करनी होगी। जिसके बाद संयुक्त सर्टिफिकेट दिया जाएगा। बैठक में डीसीपी ट्रैफिक संजीव सिंह ने प्रजेंटेशन के द्वारा स्कूल वाहनों की फिटनेस, बीमा एवं सुरक्षा नोम्स की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्कूल संचालक, नशा करने वाले चालक- परिचालकों नौकरी पर न रखे, सभी स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे, स्पीड गर्वनर के साथ जीपीएस सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, इमर्जेंसी विंडो, फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था के साथ हॉरिजोन्टल ग्रिल (आडी पटिट्यां) अनिवार्य रूप से लगवाएं। बसों में समय-समय पर बच्चों की सुरक्षा दृष्टिगत माता-पिता एवं स्कूल के शिक्षक स्वयं यात्रा कर बसों की सुरक्षा मापदंडों को जांचें। उन्होंने सभी संचालकों को निर्देशित किया कि सभी चालक परिचालक यातायात नियमों का पालन करें।