ओपन स्कूल के दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने की प्रक्रिया के तहत फाइल आगे बढ़ी। इसी प्रक्रिया में 26 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी श्रमिकों के साथ 10 आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश जारी कर दिए गए। ये आउटसोर्स कर्मचारी एमपी कॉन फर्म के माध्यम से बुलाए गए थे। नियमित करने की भनक लगते ही अन्य कर्मचारी सक्रिय हुए। आरटीआइ के तहत दस्तावेज निकाले गए और लिखित शिकायत कर दी गई।
पद रिक्त होने पर रखे
जानकारी के अनुसार ओपन स्कूल के तत्कालीन संचालक ने 30 सितंबर 2008 को पूर्णकालिक नियमित पदों की स्वीकृति एवं पूर्ति होने तक 36 श्रमिक रखे जाने की मंजूरी दी थी। 9 जनवरी 2017 की स्थिति में 28 श्रमिक थे। शिकायत में कहा गया है कि इन्हें नियमित दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों के रूप में लाभान्वित करने के लिए संचालक द्वारा स्कूल शिक्षा मंत्री एवं राज्य मुक्त शिक्षा परिषद के अध्यक्ष से 16 जनवरी 17 को नोटशीट भेजी गई थी। जिसे शासन ने अमान्य कर दिया था।
यह है नियम
7 अक्टूबर 2016 के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार वे दैनिक वेतन भोगी श्रमिक ही नियमित हो सकेंगे जो 16 मई 2007 से एक सितंबर 2016 तक कार्यरत रहे हों और नियमित करने के समय भी कार्यरत हों। संविदा, अंशकालीन एवं आउटसोर्स(outsourced employees) से नियुक्त कर्मचारियों के लिए योजना लागू नहीं है। आदेश में उल्लेख है कि 1 सितम्बर 2016 के बाद किसी भी प्रकार के श्रमिक को योजना का लाभ नहीं मिल सकता। आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने का प्रावधान नहीं है। न ही नियमित किया गया है। जिन्हें रेगुलर किया है, उन्हें नियमों के तहत किया है। हो सकता है इनमें से कोई शुरुआत में आउटसोर्स में रहा हो।– प्रभात राज तिवारी, संचालक राज्य ओपन स्कूल