ये फर्म 32 अरब की ठगी करने वाली गैंग के लिए बिचौलिए का काम करती थीं। यानी ठगी का पैसा पहले इन फर्मों के खातों में भेजा जाता था। वहां से यह कमीशन काटकर बाकी रकम बताए खातों में भेजी जाती थी। सूत्रों के मुताबिक, 500 करोड़ से ज्यादा रुपए इन फर्म के माध्यम से इधर-उधर किए गए हैं। ट्रांजेक्शन डिटेल निकलवाई जा रही है।
RBI में रजिस्टर्ड नहीं
एसटीएफ की टीम को कर्मचारियों ने खुद को अधिकृत पेमेंट एग्रीगेटर फर्म बताया। एसटीएफ ने जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से इन दोनों फर्मों की डिटेल मांगी तो पता चला कि दोनों ही पंजीकृत नहीं हैं।
चाइनीज लोन एप का भी पैसा आया
इन फर्मों में हजारों ट्रांजेक्शन के जरिए अरबों रुपए आए। कुछ ट्रांजेक्शन की पड़ताल में पता चला कि चाइनीज लोन ऐप से, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड सहित अन्य ठगी का पैसा आता था। दरअसल, पेमेंट एग्रीगेटर एक थर्ड पार्टी पेमेंट प्रोसेसर है। व्यवसायों के लिए ऑनलाइन पेमेंट लेने की प्रक्रिया को सरल, सुरक्षित और आसान बनाता है।