ग्रीन सिटी के तौर पर विकास के लिए नगरों के चयन की प्रक्रिया जारी है। इसमें महेश्वर, चंदेरी, मांडू, ओरछा, अमरकंटक, भीमबेटका, ओंकारेश्वर, चित्रकूट जैसे नगरों के चयन पर विचार चल रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 की गाइडलाइन में इस संबंध में प्रावधान किया गया है। नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के एसीएस मनु श्रीवास्तव के अनुसार चयनित नगरों में सालभर घरेलू व व्यावसायिक उपभोक्ता जितनी बिजली का उपयोग करते हैं उसका 75त्न हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से सप्लाई करने की व्यवस्था बनाई जाएगी। धार्मिक, सांस्कृतिक महत्त्व के भवनों में शत प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग होगा।
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– ऐसा होगा नया इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर, मिलेगा जबरदस्त फायदा 6 किलोवाट से अधिक लोड वाले उपभोक्ता आरई पर होंगे शिफ्ट
अधिकारियों के अनुसार ग्रीन सिटीज में 6 किलोवाट से अधिक लोड के कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को नवीकरणीय ऊर्जा पर शिफ्ट किया जाएगा। उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। नीति के तहत सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के लिए १००त्न नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग अनिवार्य होगा। स्कूल, राशन दुकान, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र आदि में जहां सुबह 6 से रात 8 बजे तक काम होता है, वहां भी नवीकरणीय ऊर्जा की सप्लाई होगी।
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- इन नगरों में अलग ग्रीन सबस्टेशन बनाए जाएंगे।
- हॉकर्स और वेंडर्स भी सोलर लैंटर्न का उपयोग करेंगे, इसके लिए सहायता भी मिलेगी।
- सभी स्ट्रीट लाइट्स सोलर से संचालित होंगी। इन्हें ग्रीन स्ट्रीट्समें बदला जाएगा।
- रहवासी समितियां और बहुमंजिला भवनों में कॉमन एरिया में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा।
- 6 किलोवाट से अधिक लोड वाले घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को अपनी छत पर उपयोग किए जा रहे लोड के 50 फीसदी क्षमता का सोलर रूफ टॉप लगानाअनिवार्य होगा।
- ग्रीन सिटीज में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा दिया जाएगा। चार्जिंग स्टेशनों को भी 50 फीसदी बिजली नवकरणीय स्रोतों से लेना होगी।
- ग्रीन सिटीज में कम्युनिटी बेस्ड रीन्यूवेबल फार्मिंग को बढ़ावा देकर वहां आरई पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसे पॉलिसी के तहतइंसेंटिव और सब्सिडी मिलेगी।
- इसी प्रकार कम्युनिटी बेस्ड बायोगैस प्लांट भी विकसितकिए जाएंगे। इसे भी सरकारइंसेंटिव देगी।