उद्यान विभाग के उप निदेशक शंकरसिंह राठौड़ ने बताया कि हमीरगढ़ स्थित इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के यहां पिछले साल खाद के दो लौट की जांच की थी। जांच में सैम्पल फेल निकले। कम्पनी की ओर से इस सैम्पल की फरीदाबाद में पुन: जांच करवाई गई तो वहां भी यह दोनों सैम्पल फेल पाए गए। ऐसे में एक साल से सीजपड़े सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) के चार हजार कट्टों को अब जब्त कर लिया गया है।
कलक्टर से ली जाएगी अनुमति खाद में गड़बड़ी पाए जाने पर निस्तारण के लिए कलक्टर से अनुमति ली जाएगी। उसके बाद नीलामी होगी। हालांकि नीलामी में बेचे जाने वाला खाद इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) भी खरीद सकती है। गौरतलब है कि रविवार को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के यहां जयपुर की टीम ने छापा डाला था। यहां प्रिंटिंग बैग नहीं पाए गए। हाथ से बैच मार्क लिखे थे। इसे लेकर कम्पनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। बैग का रख-रखाव सही नहीं पाए जाने पर 1900 टन यानी लगभग 38 हजार कट्टों की बिक्री पर रोक लगाई थी। इसकी फिलहाल विभागीय जांच चल रही है।
जांच में यह मिली गड़बड़ी राठौड़ ने बताया कि मार्च-2024 में आइपीएल कम्पनी के खाद की जांच की गई थी। जांच के बाद दो लौट के दो सैम्पल जांच के लिए उदयपुर भेजे। रिपोर्ट मिलने पर खाद में कई कमियां पाई गईं। राठौड़ के अनुसार डीएपी का दूसरा विकल्प सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) है। इसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस होना चाहिए उसके बदले 15.12 प्रतिशत निकला। सल्फर और कैल्शियम की मात्रा 11 प्रतिशत होनी चाहिए, लेकिन जांच में 9.08 प्रतिशत पाया गया। इसके अलावा पानी की मात्रा 14.50 प्रतिशत के मुकाबले 12.58 प्रतिशत पाई गई। कम्पनी की ओर से फरिदाबाद में कराई गई पुन: जांच में भी यहीं गडबड़ी पाई गई है।
256.05 रुपए प्रति बैग का अनुदान कृषि विभाग के अनुसार खाद बनाने वाली कम्पनी को केंद्र सरकार की ओर से 50 किलोग्राम के एक बैग पर 256.05 रुपए प्रति बैग के अनुदान मिलता है। हालांकि कम्पनी का दावा है कि लौट का अनुदान नहीं उठाया है।