नगर परिषद सभागार में जनसुनवाई के दौरान नेशनल हाई स्पीड रेल कॉपार्रेशन लिमिटेड के संयुक्त महाप्रबन्धक मार्तण्ड सिंह राठौड़ ने प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीणों के सामने इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने बयाया कि बुलेट ट्रेन की रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद दिल्ली से अहमदाबाद का सफर 3 घंटे में पूरा हो सकेगा। दोनों शहरों के बीच 15 स्टेशन होंगे। कुल 886 किलोमीटर लंबे ट्रैक में से करीब 658 किलोमीटर का ट्रैक प्रदेश के 7 जिलों अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर और डूंगरपुर से गुजरेगा। यह ट्रेन भीलवाड़ा भी रूकेगी।
पूरा ट्रैक एलिवेटेड बनाया जाएगा
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के संचालन में सुरक्षा संबंधित तकनीकी कारणों से पूरा ट्रैक एलिवेटेड बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट के लिए हेलीकॉप्टर से पूरे ट्रैक का सर्वे किया गया। बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 350 किमी प्रति घंटा होगी। जबकि औसत गति 250 किमी प्रति घंटा रहेगी। बुलेट ट्रेन जमीन से 10 से 15 मीटर ऊंचे एलिवेटेड ट्रैक पर दौड़ेगी। ट्रैक की चौड़ाई करीब 17.5 मीटर होगी। पिल्लरों पर ट्रेक होने के कारण जमीन पर किसी तरह का जानमाल का खतरा भी नहीं रहेगा और न ही लोगों के आवाजाही या किसी अन्य तरह की परेशानी आएगी। एसआईए के पर्यावरण सलाहकार विमल कुमार व ईआईए के सामाजिक सलाहकार विजयकुमार ने भी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की जानकारी दी।
ये क्षेत्र होंगे प्रभावित
भीलवाड़ा जिले के पांच तहसील क्षेत्र के 34 गांव से होकर यह ट्रेन निकलेगी। इसके बीच 36 धार्मिक स्थल, 8 शिक्षा संस्थान, 3 अस्पताल आएंगे। करीब 1600 पेड़ काटे जाएंगे। भीलवाड़ा में हुरड़ा के लाम्बा से ओज्याड़ा तक 86 किमी का यह ट्रेक होगा।
इस तरह मिलेगा मुआवजा
राठौड़ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में अधिगृहित होने वाले जमीन का डीएलसी या बाजार दर से चार गुना दिया जाएगा। जबकि शहरी क्षेत्र में दोगुनी दर से मिलेगा। यह मुआवजा एनएचआई परियोजना के तहत मिलेगा। इसके लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन होगा। मकान व परिसर खाली करने के लिए 30 दिन का समय रहेगा। यह समय कमेटी बढ़ा सकती है।
डीएलसी व बाजार दर में काफी अन्तर
रायला व बनेड़ा क्षेत्र से आए जेपी जाट, कृष्ण गोपाल कोगटा, मुरलीघरनेगवाडिय़ा व रोनकनेगवाडिय़ा का कहना था कि सरकार ने डीएलसी दर को कम कर दिया है। वर्तमान दर व 20 साल पहले की दर एक ही है, जबकि बाजार दर कई गुना अधिक है, ऐसे में मुआवजा किस आधार पर मिलेगा। पंचायते पट्टे तो देती है, लेकिन उसमें आवासीय या वाणिज्यिक भूखण्ड का कोई उल्लेख नहीं होता है तो फिर मुआवजा कैसे तय होगा। गांवों में आबादी, व्यवसायिक, संस्थागत भूमि होती है। जनसुनवाई में आए लोगों ने कहा कि वर्तमान में जो जिस स्थिति पर काबिज है, उसी आधार पर मुआवजा मिलना चाहिए। इस दौरान यह भी प्रस्ताव आया कि क्या जमीन के बदले प्रशासन जमीन देगा या पुर्नवास करेगा। नारायणपुरा के सुभाष बैरवा व पन्ना लाल बैरवा ने पूर्व के मुआवजा प्रकरण से जुड़ी अपने क्षेत्र की समस्या रखी। खैराबाद के भगवतसिंह राठौड़ ने भी चारागाह जमीन का मुद्दा रखा। अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) डॉ. राजेश गोयल ने कहा कि मुआवजे के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। डीएलसी दर कोरोना के कारण कम की गई थी। जनसुनवाई में नगर परिषद सभापति राकेश पाठक, तहसीलदार समेत अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल थे।
इन 34 गांवों से गुजरेगी ट्रेन
लांबा, तस्वारिया, रुपाहेली, हरीपुरा, नगजी का खेड़ा, गरोलिया खेड़ा, कंवलियास, सनोदिया, भवानीपुरा, लरडिया खेड़ा, धुवालिया, रायला, रानीखेड़ा, साखरिया खेड़ा, बैरा, नानकपुरा, भांडकी बावड़ी, नीम का खेड़ा, माली खेड़ा, मांडल, कीरखेड़ा, बिलियाखेड़ा (रामनगर), मेजा, धूलखेड़ा, सुरास। मालोला, पांसल, पुर, बोरड़ा, नाथडिय़ास, खैराबाद, कान्याखेड़ी, सगतपुरिया व ओज्याड़ा भीलवाड़ा जिले में बुलेट ट्रेन पर एक नजर
हुरड़ा, बनेड़ा, मांडल, भीलवाड़ा व हमीरगढ़ तहसील से गुजरेगी
- जिले में प्रभावित गांव- 34
- जिले में कुल लंबाई- 85.57 किमी
- आवश्यक भूमि- 161.045 हैक्टेयर (1827 भूखंड)
- निजी भूमि की जरूरत- 100.820 हैक्टेयर (1353 निजी भूखंड)
- सरकारी जमीन- 60.224 हैक्टेयर (474 सरकारी भूखण्ड)