परिजनों का आरोप है कि जब वे बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने थाने पहुंचे तो पुलिस ने अधिकारी नहीं होने की बात कहकर टाल दिया। बाद में उन्हें बताया गया कि युवती केरल में है और तलाश करनी है तो खुद गाड़ी लेकर जाएं।
पुलिस ने क्या बताया
पुलिस ने युवती के मांडलगढ़ में होने की सूचना दी। जब परिजन मौके पर पहुंचे तो पुलिस ने इसे पॉयजनिंग का मामला बताया। हालत गंभीर देख युवती को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का शव लेने से इनकार
शुक्रवार को परिजनों ने जिला अस्पताल की मोर्चरी के बाहर शव लेने से इनकार कर दिया और प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि बेटी के शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं, जो हिंसा की ओर इशारा करते हैं। परिजन मंगरोप थाने के पुलिसकर्मियों पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।