BEd Result: इस तरह हुई गलती
जांच करने वाले ने भी उसके आधार पर पर्चा जांकर कर नंबर दे दिया। 16 नंबर में अगर 8 देता, तो 10 नंबर पर 5 नंबर दे दिया। इसकी वजह से थोक में बच्चे फेल हो गए हैं। इस पर प्रबंधन ने कहा कि जल्द इस मामले में सुधार कर लिया जाएगा। बच्चों को 80 नंबर के आधार नंबर देकर परिणाम घोषित किया जाएगा।
यह है मामला
विवि, दुर्ग के अधीन आने वाले कल्याण महाविद्यालय और घनश्याम कॉलेज में बीएड के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा वर्षों से 80 नंबर की होती आ रही है। वह पर्चा 50 नंबर लिखा हुआ बंट गया। परीक्षा होने के बाद 50 नंबर के आधार पर ही कॉपी जांच करने वाले ने नंबर दे दिया। एक-एक सवाल 16-16 नंबर के थे और जांच करने वाले ने 10-10 नंबर के सवाल मान कर नंबर दिया।
तब देखा 80 की जगह दर्ज है 50 नंबर
छात्र-छात्राओं ने देखा कि परीक्षा हुआ 50 नंबर का और परिणाम में 80 नंबर दिखा रहा है। यह देखकर वे छात्र नेताओं के पास दौंड़े। छात्र नेताओं ने जब विश्वविद्यालय पहुंचकर पूछताछ की, तब उन्होंने बताया कि प्रिंटिंग मिस्टेक से पर्चे में 50 नंबर दर्ज हो गया है। वे जल्द ही इसका रास्ता निकालेंगे।
परीक्षा परिणाम भी घोषित
विवि प्रबंधन को इसकी जानकारी ही नहीं हुई और परीक्षा का परिणाम भी घोषित कर दिया गया। बड़ी चूक पर महाविद्यालय का ध्यान नहीं गया। परीक्षा परिणाम की घोषणा भी कर दी गई। इससे छात्र-छात्राओं को दूसरे महाविद्यालय की अपेक्षा कम नंबर मिले। महाविद्यालय के परीक्षा का परिणाम भी खराब आया। कई छात्र-छात्राएं चौथे सेमेस्टर के टीचिंग ऑफ वैल्यू के पेपर में फेल हो गए। एनएसयूआई प्रदेश महासचिव आकाश कन्नौजिया ने कहा कि हेमचंद विवि, दुर्ग में इस मामले को लेकर शिकायत की गई कि 80 की जगह 50 नंबर पर्चा में दर्ज हो गया था। इससे कई छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं। कहा गया है कि जल्द फिर से परिणाम घोषित करेंगे।
हेमचंद यादव विवि, कुलसचिव भूपेंद्र कुलदीप ने कहा कि बीएड के पेपर में 80 की जगह 50 नंबर प्रिंटिंग मिस्टेक से दर्ज हो गया। इस मामले में परीक्षा समिति की बैठक हो गई है। जल्द ही 80 नंबर में कनवर्ट होकर रिजल्ट निकल जाएगा।