कोई अतिथि व्याख्याता भी नहीं है, फिर पढ़ाएगा कौन? दुर्ग गर्ल्स कॉलेज में बीबीए की पढ़ाई पूरी तरह से अतिथि व्याख्याता के भरोसे है। इस कोर्स के लिए एक भी नियमित
प्रोफेसर नहीं है। कक्षाएं अतिथि व्याख्याता लेंगे यह जानते हुए भी शासन ने समय पर नियुक्ति आदेश नहीं निकाला। ऐसी ही स्थिति उतई कॉलेज, दुर्ग साइंस कॉलेज, वैशाली नगर भिलाई कॉलेज समेत अन्य सरकारी कॉलेजों की है।
726 अतिथि प्राध्यापकों
दुर्ग संभाग सहित प्रदेशभर के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं की सेवा मई में समाप्त हो गई है, लेकिन इनकी दोबारा सेवाएं बेहाल नहीं की गई। दुर्ग संभाग में ही 726 अतिथि व्याख्याता कॉलेजों में अटैच हैं।
कुछ महीनों में और बढ़ेगी संख्या
दुर्ग जिले के सरकारी कॉलेजों में अगले कुछ महीनों में नियमित प्रोफेसर सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इससे उनके पद खाली हो जाएंगे। इस तरह कॉलेजों में अतिथि व्याख्याता की संख्या और बढ़ेगी। इसके अलावा पूर्व में विभाग ने प्रोफेसरों को प्रमोट कर प्राचार्य बना दिया है, जिसके बाद विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर पहले ही कम हो गए हैं।
नियुक्ति की अभी कोई संभावना नहीं
जिले के सरकारी कॉलेजों में अतिथि व्याख्याताओं के करीब 196 पद हैं। यह सभी पद नियमित प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति के बाद स्वीकृत किए गए है। इन कॉलेजों में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति का आदेश अगले हफ्ते तक निकलेगा। इस तरह जिन विद्यार्थियों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया है, उनकी कक्षाएं फिलहाल नहीं लगेंगी। पिछले साल उच्च शिक्षा विभाग ने जुलाई के आखिर में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति संबंधित आदेश निकाला था, तब जाकर अगस्त में नियमित कक्षाओं की शुरुआत हो पाई थी। ऐसी स्थिति इस साल भी बन सकती है। कुल मिलाकर विद्यार्थियों की पढ़ाई एक महीने पीछे हो जाएगी।
अब समिति करेगी व्याख्याता चयन
नए नियम से अतिथि व्याख्याताओं की व्यवस्था के लिए एक विशेष कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है। कमेटी में कुलपति द्वारा नामित अधिकारी या किसी महाविद्यालय के प्राचार्य को भी शामिल किया जा रहा है। वरिष्ठ शिक्षक भी समिति के सदस्य बनाए गए हैं। एक-एक सदस्य अजा, जजा अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला वर्ग से भी होंगे। अतिथि व्याखताओं की नियुक्ति का आदेश शासन स्तर पर निकलना है। अगले कुछ दिन में आदेश आ सकता है। शासन भी विद्यार्थियों के लिए फिक्रमंद है। नियुक्ति की व्यवस्था बनाई जा रही हैं। – डॉ. राजेश पांडेय, क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा दुर्ग