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बस्सी

तीन साल में फिर लगा दाग, अब एएसआई 5 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

वर्ष 2022 में करीब 8 मामलों में एसीबी ने रिश्वत लेते अधिकारी एवं कर्मचारियों को पकड़ा था। इससे पहले भी कई रिश्वत के मामले सामने आए है।

बस्सीAug 14, 2025 / 03:50 pm

vinod sharma

ACB arrested ASI while taking bribe of 5 thousand rupees

गोविंदगढ़ थाने में पकड़ा गया सहायक उपनिरीक्षक और थाने में खड़ी कार।

चौमूं इलाके में भ्रष्टाचार अपने चरम पर हैं। बड़ी बात तो यह है कि जनता से सीधे जुडे प्रमुख विभाग नगरपालिका, राजस्व, कृषि उपज मंडी, आबकारी व पुलिस थाना भी अछूते नहीं रहे हैं। वर्ष 2022 में करीब 8 मामलों में एसीबी ने रिश्वत लेते अधिकारी एवं कर्मचारियों को पकड़ा था। इससे पहले भी कई रिश्वत के मामले सामने आए है। हालांकि बीते तीन साल में चौमूं में रिश्वत का मामला सामने नहीं आया है, लेकिन फिर से अब रिश्वतखोरी का मामला पकड़ में आया है। क्षेत्र के गोविंदगढ़ पुलिस थाने में कार छोड़ने और परिवादी के बेटे को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते सहायक उपनिरीक्षक शंकरलाल मीणा को एसीबी ने दबोचा हैं। एसीबी ने उसके कब्जे से थाने में बने अनुसंधान कक्ष से 5 हजार रुपए की राशि भी बरामद की।
जब्त कार को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगी थी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी संदीप सारस्वत ने बताया कि पुलिस थाने में दर्ज मुकदमे में जब्त कार को छोड़ने के एवज में सहायक उपनिरीक्षक ने परिवादी से 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। परिवादी की शिकायत की जांच करवाई तो मामला सही पाया गया। पकड़ने के लिए जाल बिछाया एवं परिवादी को 5 हजार देकर थाने में भेजा। आरोपी सहायक उपनिरीक्षक ने पहले 5 हजार देने पर ही कार की चाबी देने व जब्त कार छोड़ने को कहा। इस पर 5 हजार को आरोपी ने अनुसंधान कक्ष में टेबल की दराज में रख दिए। इस पर एसीबी टीम में शामिल निरीक्षक रघुवीर शरण व अन्य ने दबोच लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सारस्वत ने बताया कि जांच में सामने आया है कि परिवादी को छोड़ने के नाम पर पहले भी 65 हजार रुपए की वसूली की है।
यूं रिश्वत तक पहुंचा मामला
परिवादी के अनुसार जुलाई माह में एक पेट्रोल पंप संचालक ने पेट्रोल भरवाकर बिना भुगतान किए कार भगाकर ले जाने के संबंध में थाने में मामला दर्ज करवाया था। इस पर कार मालिक को पुलिस जयपुर से पकड़कर थाने लेकर आई और सीओ के समक्ष पेश भी किया था। उसने बताया था कि कार उसके दोस्त को दी थी, वहीं चला रहा था, लेकिन पुलिस ने दबाव बनाकर कबूल करने के लिए कहा कि वह खुद कार चला रहा था। उसे छोड़ने की एवज में भी घरवालों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया। फिर कार छोड़ने के एवज में 5 हजार रुपए मांगे गए। परिवादी ने सीओ पर भी उस दौरान डराने धमकाने का अरोप लगाया है। इधर, सीओ राजेश जांगिड़ ने आरोप बेबुनियाद बताए है।
पहले थानाप्रभारी भी पकड़े
इधर, दो साल पहले इसी थाने के थानाधिकारी भी करीब 6 लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए थे। वर्ष 2022 में पुलिस सहित प्रमुख विभागों में एक बाद एक 8 कार्रवाई हुई थी। जिसमें कर्मचारी ही नहीं, अधिकारी भी एसीबी की चपेट में आए थे। चौमूं थाने में भी एसएचओ के रीडर व दलाल पकड़े में आए थे तो सब्जी मंडी सचिव व दलाल, नगर पालिका का कर्मचारी के अलावा राजस्व विभाग में गिरदावर के अलावा पटवारी भी पकड़े गए थे।
वर्ष 2022 में पकड़े थे 8 मामले
वर्ष 2022 में 2 मार्च को तहसील परिसर में गिरदावर को 1 हजार रुपए, 5 जून को चौमूं थानाधिकारी के रीडर व दलाल को 40 हजार, 27 जून को कृषि उपज मंडी में सचिव, 28 जून को नगरपालिका में एटीपी को 15 हजार, 25 अगस्त को एसीबी ने गोविंदगढ़ थानाप्रभारी को 6 लाख, 19 अक्टूबर को मोरीजा पटवारी को 10 हजार, 20 नवंबर को चौमूं थाना पुलिस के नाम पर रिश्वत लेते दलाल को 1 लाख, 15 दिसंबर को गोविंदगढ़ पंचायत समिति में लिपिक को 6 हजार रुपए की रिश्वत लेते एसीबी ने धरा था।

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