शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि श्रीअन्न नाम सरकार की ओर से मोटे अनाज मिलेट्स को दिया गया है। इसमें मुख्य रूप से बाजरा, ज्वार, सांवा, चना, कंगनी आदि शामिल हैं। सरकार ने मोटे अनाज को अधिक समान और महत्व देने के लिए इन्हें श्रीअन्न नाम दिया है। इनका अधिकाधिक उपयोग करने व बढ़ावा देने का आह्वान मन की बात में भी किया था। यह अनाज पोषण से भरपूर, कम पानी में उगने वाले एवं लाभकारी होते हैं।
विद्यालयों में सामुदायिक सहभागिता से स्थानीय रूप से उपलब्ध और पौष्टिक व्यंजन तैयार करने के साथ ही श्रीकृष्ण भोग में पंजीरी, दही-चीनी दूध से बने मिष्ठान और मौसमी फल भी परोसे जा सकते है। हालांकि बाजरा, ’वार, सांवा जैसे श्रीअन्न मिलेट्स से बने उत्पादों को विशेष रूप से शामिल करने पर जोर दिया है।
विभाग से मिले निर्देशानुसार सभी विद्यालयों में सप्ताह की अवधि के दौरान भोजन वितरण से संबंधित संपूर्ण प्रविष्टि पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज की जाएगी, जो सरकार की मासिक मॉनिटरिंग रिपोर्ट में शामिल होगी। आयोजन की प्रत्येक गतिविधि का फोटोग्राफ और संक्षिप्त प्रतिवेदन आयुक्तालय, पीएम पोषण को भेजना होगा। इससे राज्य स्तर पर जिले एवं ब्लॉक के प्रदर्शन की समीक्षा भी की जा सकेगी।
-आयोजन तिथि: 11 से 16 अगस्त
-सभी प्राथमिक एवं उ‘च प्राथमिक विद्यालयों में अनिवार्य
-स्थानीय और पौष्टिक व्यंजन, मिलेट्स श्रीअन्न शामिल
-पारंपरिक भोग जैसे पंजीरी, दही, दूध से बने मिष्ठान परोसे जा सकते हैं
-पोर्टल पर प्रविष्टि अनिवार्य: फोटो व रिपोर्ट आयुक्तालय को भेजनी होगी
-भोजन के लिए मेज-कुर्सी की व्यवस्था पर विशेष जोर
विद्यालय 8वीं में विद्यार्थी
राजकीय स्कूल 257 13243
संस्कृत स्कूल 33 1488
मदरसा 4 35 इनका कहना है…
सरकार की ओर से श्रीकृष्ण भोग के तहत विशेष सप्ताह में 8वीं तक के बच्चों को श्रीअन्न से बने व्यंजन परोसने की अच्छी पहल है। इससे बच्चाें को मोटे अनाज से पौष्टिक भोजन मिलेगा। दो दिन में 30 विद्यालयों के नामांकित विद्यार्थियों ने श्रीअन्न से बने व्यंजन का स्वाद चखा है। 16 अगस्त तक सभी विद्यार्थियों में आयोजन किया जाएगा।
-कृपानिधि त्रिवेदी, सीबीईओ, गोविंदगढ़