प्रेमनगर के भुड़ मोहल्ले निवासी तरुण जौहरी से आरोपियों ने रेलवे में नौकरी लगवाने का लालच देकर 1.70 लाख ठग लिए थे। तरुण को कानपुर ले जाकर उसे फर्जी नियुक्ति पत्र और आईडी थमा दी गई। जब वह रेलवे दफ्तर पहुंचा तो सारा झांसा सामने आ गया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू की और तीन आरोपियों को धर दबोचा। गिरोह के दो और सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
पुलिस ने इन आरोपियों को किया गिरफ्तार
प्रेमनगर पुलिस ने ठगी करने वाले कोतवाली के सिविल लाइंस निवासी 56 वर्षीय अनूप कुमार सक्सेना, प्रेमनगर के जाटवपुरा निवासी 29 वर्षीय विनीत पुत्र सत्य प्रकाश और प्रेमनगर के कृष्णा बिहार निवासी 34 वर्षीय रोहित सिंह पुत्र प्रमोद सिंह को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में कबूली ठगी की कहानी
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि वे मिलकर बेरोजगार युवाओं से फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठते हैं। इस काम में मुख्य भूमिका अनूप सक्सेना की होती है, जो खुद को रसूखदार लोगों से जुड़ा बताकर युवाओं को झांसे में लेता है। पुलिस ने बताया कि बाकी दो आरोपी सुमित और विनीत पांडे की तलाश जारी है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर पूरे गैंग को जेल भेजा जाएगा।
गिरफ्तार करने वाली टीम
आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रेमनगर इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी, दरोगा मोहम्मद सरताज, कांस्टेबल अनित, ओमकार और अनुराग शामिल रहे।