बुद्ध बाजार में सक्रिय था ढेला गैंग
पुलिस के अनुसार कुलदीप उर्फ ढेला और उसके साथी महानगर क्षेत्र के बुद्ध बाजार, अकबरनगर और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में चोरी, जेब कटी और मोबाइल लूट जैसी वारदातों को अंजाम देते थे। ढेला लंबे समय से पुलिस की निगरानी में था और उसके खिलाफ विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।
कैसे हुई मुठभेड़
बुधवार की रात करीब 10 बजे पुलिस को सूचना मिली कि कुलदीप और उसके साथी सौमित्र वन इलाके में किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही महानगर थाने की पुलिस टीम ने क्षेत्र की घेराबंदी की। जैसे ही पुलिस ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें कुलदीप के पैर में गोली लग गई। अन्य तीन बदमाश मौके से फरार हो गए।
मौके से हथियार बरामद
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से एक देशी तमंचा, कारतूस और कुछ अन्य संदिग्ध वस्तुएं बरामद की हैं। गिरफ्तार बदमाश कुलदीप को तत्काल सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
बदमाशों की करतूतों से दहशत में थे स्थानीय लोग
महानगर के स्थानीय निवासियों ने बताया कि बुद्ध बाजार और अन्य व्यस्त इलाकों में अक्सर चोरी की घटनाएं सामने आती थीं, जिनसे आम जनता दहशत में थी। कुलदीप और उसके साथियों द्वारा महिलाओं के पर्स छीनने, मोबाइल लूटने और जेब कटी की घटनाएं आम थीं। कई बार इन वारदातों में लोगों को चोट भी लगी।
पुलिस ने पहले से की थी योजना
महानगर थाना प्रभारी ने बताया कि कुलदीप और उसके गैंग की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। “हमने पिछले सप्ताह से सूचना संकलन शुरू किया था और जैसे ही पुख्ता जानकारी मिली, हमने तत्काल एक्शन लिया। मुठभेड़ के दौरान हमारे जवानों ने पूरी सतर्कता बरती और बड़ी घटना को टाल दिया।”
फरार बदमाशों की तलाश में छापेमारी जारी
पुलिस अब फरार तीन बदमाशों की तलाश में लखनऊ और आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही है। पुलिस को विश्वास है कि जल्द ही बाकी आरोपी भी गिरफ्त में होंगे।
अपराधियों के लिए संदेश
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह मुठभेड़ एक स्पष्ट संदेश है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। आम जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और जो भी इस व्यवस्था को चुनौती देगा, उसे क़ानूनी सख्ती का सामना करना पड़ेगा।”
स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई को सराहा
घटना के बाद स्थानीय लोगों में राहत की सांस देखी गई। निवासियों ने पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि लंबे समय से लोगों को इस गिरोह से छुटकारा चाहिए था। “अब बच्चों और महिलाओं को थोड़ी राहत मिलेगी,” एक स्थानीय दुकानदार ने कहा।
क्राइम रिकॉर्ड से स्पष्ट है कुलदीप की काली दुनिया
कुलदीप उर्फ ढेला का आपराधिक इतिहास लंबा है। वह पहले भी चोरी, लूट और हमला करने जैसे मामलों में जेल जा चुका है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार, उस पर लखनऊ, सीतापुर और बाराबंकी के विभिन्न थानों में 15 से ज्यादा केस दर्ज हैं।