बारादरी के रबड़ी टोला निवासी वसीम पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद हनीफ ने फेसबुक पर डा. माटिल्डा माटिल्डा नाम की प्रोफाइल से दोस्ती की थी। 7 मई 2025 को फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद बातचीत शुरू हुई। महिला ने खुद को लंदन की डॉक्टर बताया और वसीम से रोजाना चैटिंग करने लगी।
फर्जी कस्टम ऑफिसर से कराया फोन
14 मई को महिला ने दावा किया कि वह भारत आ रही है और वसीम से दिल्ली एयरपोर्ट पर मिलने को कहा। वसीम दिल्ली पहुंच गया, लेकिन वहां पहुंचते ही उसके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को मुंबई एयरपोर्ट का कस्टम अधिकारी बताया और कहा कि डॉ. माटिल्डा के पास अधिक मात्रा में विदेशी मुद्रा (पाउंड स्टर्लिंग 2,84,060) होने के कारण उन्हें रोक लिया गया है। उन्हें छोड़वाने के लिए 85 हजार रुपये की जरूरत बताई गई। इसके बाद वसीम को वाट्सएप नंबर से अलग-अलग बैंक खातों में रुपये जमा करने को कहा गया। भरोसा जीतने के लिए महिला ने होटल से निकालने और भूखे होने जैसी भावनात्मक बातें भी कहीं। युवक ने चार दिनों तक लगातार पैसे भेजे। कुल मिलाकर ठगों ने उससे 9 लाख 92 हजार रुपये हड़प लिए।
होटल को बिल भरने के नाम पर फिर मांगे 1.30 लाख रुपये
इसके बाद फिर से एक लाख तीस हजार रुपये होटल खर्च के नाम पर मांगे गए। युवक ने साफ मना कर दिया, तब से कोई कॉल नहीं आया। जब तक वसीम को हकीकत समझ में आई, वह भावनात्मक रूप से टूट चुका था। पीड़ित वसीम ने 21 मई को साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित ने अब साइबर थाने पहुंचकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। साइबर सेल में तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है।