परिजनों के अनुसार रमेश की शादी महज 18 दिन पहले बहेड़ी के गांव परशुपुरा की युवती से हुई थी। उनकी आंखों में अभी भी शादी की खुशियों की चमक थी, लेकिन रमेश के इस आत्मघाती कदम ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। आत्महत्या के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
राजमिस्त्री का काम करता था युवक
शाही के रसूलिया निवासी 22 वर्षीय रमेश कुमार एएनए कॉलेज के पास बन रही गोशाला में राजमिस्त्री के रूप में काम करता था। रोज की तरह सोमवार सुबह वह काम पर जाने के लिए घर से निकला था, लेकिन वह काम पर नहीं पहुंचा। रमेश भिटौरा रेलवे स्टेशन के पूर्वी दिशा में करीब 50 मीटर दूर रेलवे ट्रैक पर लेट गया। उसी समय पाटलिपुत्र एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी।
लोको पायलट ने दिया हॉर्न लेकिन नहीं हटा रमेश
लोको पायलट गिरधारी लाल ने जब युवक को ट्रैक पर देखा तो कई बार हॉर्न बजाया, लेकिन रमेश ने हटने का प्रयास नहीं किया। ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। लोको पायलट ने तुरंत मुरादाबाद कंट्रोल को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। शव की पहचान होने के बाद परिवार को सूचित किया गया।
पत्नी और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
पड़ोसी महेंद्र पाल के अनुसार रमेश का व्यवहार हाल के दिनों में सामान्य था, जिससे उसकी आत्महत्या के पीछे का कारण गांव के लोगों के लिए भी रहस्य बना हुआ है। रमेश की असमय मौत ने नवविवाहिता पत्नी और पूरे परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया है। गांव में मातम पसरा हुआ है।